दिल्ली में मेट्रो पर हड़ताल का साया मंडराने लगा है। आशंका जताई जा रही है कि कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर जा सकते हैं। अपनी मांगों को लेकर डीएमआरसी स्टाफ काउंसिल ने 24 जुलाई को पूरी तरह काम बंद रखने का ऐलान किया है। इसके बाद दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
दरअसल डीएमआरसी की ओर से तीन विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से नाराज डीएमआरसी के गैर कार्यपालक (नॉन एक्जीक्यूटिव) कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप शुक्रवार को काली पट्टी बांधकर काम किया। वे 23 जुलाई तक काली पट्टी बांधकर ही काम करेंगे। इसमें एक कर्मचारी को बर्खास्त भी किया गया है।
दिल्ली मेट्रो के स्टॉफ यूनियन ने कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई वापस लेने व वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग की है। यूनियन ने 24 जुलाई से हड़ताल करने व मेट्रो का परिचालन ठप करने की चेतावनी दी है। यदि मेट्रो का परिचालन ठप हुआ तो दिल्ली-एनसीआर में परिवहन व्यवस्था चरमरा सकती है। इसलिए डीएमआरसी भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। डीएमआरसी का कहना है कि मेट्रो का परिचालन सामान्य रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि लोगों को आवागमन में असुविधा न होने पाए।
स्टाफ यूनियन का कहना है कि विभागीय अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर मुख्य आरटीआइ पर्यवेक्षक विनोद शाह को नौकरी से निकाल दिया गया। अनिल कुमार मेहता व रवि भारद्वाज नामक दो कर्मचारियों को मेजर पेनाल्टी का नोटिस थमा दिया गया है।
यूनियन का कहना है कि कर्मचारियों का वेतमान बढ़ाने के लिए 29 मई 2015 को मेट्रो प्रबंधन ने स्टाफ यूनियन के साथ समझौता किया है। उसका अब तक पालन नहीं किया गया। मेट्रो में तीसरा वेतन आयोग आने वाला है। कर्मचारियों से विचार-विमर्श करके ही तीसरे वेतन आयोग में वेतनमान तय किया जाना चाहिए।
इस मामले पर डीएमआरसी का कहना है कि तीसरे वेतन आयोग को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। जल्द उसकी घोषणा हो सकती है। इसके बाद वेतन से जुड़े मामलों का निदान जल्द निकाल लिया जाएगा।
जहां तक कर्मचारियों पर कार्रवाई का सवाल है तो वे कर्मचारी अपना व्यक्तिगत एजेंडा थोपना चाहते थे और दूसरे कर्मचारियों को भ्रमित कर रहे थे। डीएमआरसी ने कर्मचारियों से अपील की है कि वे किसी के बहकावे में न आएं।