बहुमत साबित किया नीतीश ने
 नीतीश कुमार  बहुमत

 

बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहुमत साबित कर दिया। नीतीश के पक्ष में 131 वोट जबकि विरोध में 108 वोट पड़े। सुबह 11 बजे पेश होने वाला यह प्रस्ताव राजद के हंगामे के चलते 12 बजे के बाद पेश हो सका। प्रस्ताव पेश होने से पहले तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। सदन में विश्वास प्रस्ताव रखने के बाद नीतीश ने सदन को संबोधित करते हुए तेजस्वी को जवाब दिया।

पक्ष-विपक्ष के विवाद के बीच सदन में नीतीश कुमार ने विश्वासमत पर बोलते हुए कहा कि सदन की मर्यादा का पालन करना चाहिए। हम एक-एक बात का सबको जवाब देंगे। सत्ता सेवा के लिए होता है, मेवा के लिए नहीं। नीतीश ने कहा कि मैंने महागठबंधन धर्म का हमेशा पालन किया, लेकिन जब मेरे लिए मुश्किल आई तो इस्तीफा दे दिया।

कांग्रेस पर तंज कसते हुए नीतीश ने कहा कि पच्चीस सीट नहीं मिल रही थी कांग्रेस को हमने चालीस दिलाई।सत्ता धन अर्जित करने के लिए नही होता। मैंने जनता के लिए ये फैसला लिया है, वोट देने वाली जनता परेशान थी और यह सरकार बिहार की जनता के लिए काम करेगी। मुझे कोई सांप्रदायिकता का पाठ ना पढाए। आज जुम्मे का दिन है और मैं कोई हंगामा नहीं चाहता।

बिहार विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही के भीतर भी राजद विधायक हंगामा किया और इसी बीच राजद की तरफ से तेजस्वी यादव को विरोधी दल का नेता मनोनीत किया गया । विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया गया, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया ।

नेता विपक्ष बनते ही तेजस्वी यादव ने नीतीश के खिलाफ हमला बोला । उन्होंने कहा कि जनता ने महागठबंधन को पांच साल के लिए चुना था लेकिन हमारे साथ, बिहार की जनता के साथ धोखा देकर महागठबंधन को तोड़ दिया। नीतीश जी का ये कौन सा सिद्धांत है। आपको शर्म नहीं आती आज सुशील मोदी के बगल में बैठने में।नीतीश जी का इस्तीफा और भाजपा का तुरत समर्थन ये सब पूरी प्लानिंग की गई थी और नैतिकता की बात करते हैं, ये कौन सी नैतिकता है आपकी? कौन सी विचारधारा है इसे अब पूरी दुनिया जानना चाहती है।

तेजस्वी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार जी रणछोड़ हो गए हैं, हे श्रीराम से जय श्रीराम कह पलटी मार गए। नीतीश के बगल में बैठे थे तो पता नहीं था इनका असली चेहरा अब नजर आया है। सुशील मोदी और नीतीश पर भी तो केस चल रहा है फिर इनदोनों ने शपथ कैसे ले ली?

तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अाप तो इधर भी हैं और उधर भी, आपने समझा ही नहीं लालू यादव को अगर पुत्रमोह होता तो एेसा नहीं होता, लालू जी को पुत्रमोह नहीं भाई मोह था। आप एक बार बोल देते तो मैं इस्तीफा दे देता।

तेजस्वी ने कविता सुनाकर नीतीश को पुुरानी बातें याद दिलाईं और कहा कि कहां गये वो पीएम मोदी के लिए बोले गए शब्द-बहती हवा सा था वो दाऊद को लाने वाला था वो...क्या सबकुछ भूल गए आप?

तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से कहा कि आपको शर्म नहीं आती एेसी साजिश रच डाली। उन्होंने सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने मेरे और मेरे परिवार पर झूठे आरोप लगाए उसे माफ नहीं करूंगा। तेजस्वी के इन गंभीर आरोपों के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने तेजस्वी को भाषण खत्म करने का निर्देश दिया।

भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने तेजस्वी के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि अगर लालू को पुत्रमोह नहीं होता तो अब्दुल बारी सिद्दीकी उपमुख्यमंत्री होते। उन्होंने कहा कि तेजस्वी थे उपमुख्यमंत्री और फैसला लेते थे लालू। नंदकिशोर यादव ने कहा कि जो आरोप लगा रहे हैं वो सब हमारे भाई हैं और कई हमारे संपर्क में हैं। आरजेडी की बातों का मैं बुरा नहीं मानता।

नंदकिशोर यादव ने नीतीश कुमार के लिए शायरी पढ़ी- नहीं गया मेरे दिल से तेरी यादों का रिश्ता...

राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने नंदकिशोर यादव को जवाब देते हुए कहा कि जब मैं सीएम बनूंगा तो आप मेरे साथ होंगे क्या?

कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश के महागठबंधन तोड़ने का दुख है और पार्टी बदलने वालों से क्या बात करें? नीतीश का पूरा खेल सुनियोजित था। पूरी सुनियोजित तरीके से नीतीश ने यह सब किया है। पहले उन्होंने कोविंद को समर्थन किया और फिर भोज में शामिल हुए।

सदानंद सिंह के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने संबोधन में राजद को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपकी वजह से ही मैं आज चार साल के बाद फिर से पक्ष की ओर बैठा हूं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने अगर इस्तीफा दे दिया होता तो मैं डिप्टी सीएम नहीं बन पाता। शुक्रगुजार हूं राजद और कांग्रेस का जिनकी वजह से मैं डिप्टी सीएम बना।

सुशील मोदी ने कहा कि जनादेश बेनामी संपत्ति को बचाने के लिए नहीं था 26 साल में 26 बेनामी संपत्ति के मालिक बनने के लिए नहीं था।

सुशील मोदी के बयान को सुनकर तेजस्वी यादव आक्रोशित हो गए और दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। तेजस्वी ने कहा कि जब जांच चल रही है तो बेनामी संपत्ति कैसे बोल सकते हैं? आरजेडी विधायकों ने सुशील मोदी के बयान के बाद हंगामा शुरू कर दिया और कुर्सी पर खड़े होकर विरोध जताया।

नीतीश पर आरोप लगाने के साथ ही एनडीए और जदयू के विधायक भी आक्रोशित हो गए और वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया ।

नीतीश कुमार के पहुंचते ही राजद विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और नीतीश कुमार इस्तीफा दो, नीतीश कुमार वापस जाओ, के नारे लगाए। राजद के साथ कांग्रेस के विधायक भी हंगामे में शामिल है। सदन के बाहर और सदन के अंदर भी जबर्दस्त हंगामा जारी रहा।

बिहार में गुरुवार को राजग की नई सरकार बन गई। अब नीतीश कुमार इस सरकार का बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा पहुंच चुके हैं। वो 11 बजे सदन में फ्लोर टेस्ट से गुजरेंगे। आंकड़ों पर नजर डालें तो जदयू और एनडीए को मिलाकर कुल 132 विधायकों के समर्थन का दावा है जबकि बहुमत के लिए 122 विधायकों के समर्थन की जरूरत है।

इस पूरे मामले में खास बात यह है कि जदयू के नेता नाराज हैं और ऐसे में किसी विधायक ने बगावत नहीं की तो सरकार अपना बहुमत साबित कर देगी। वहीं दूसरी तरफ खबर है कि राज्य में महागठबंधन को दूसरा झटका लग सकता है और कांग्रेस के 18 विधायक पार्टी का दामन छोड़ सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो महज 27 विधायकों के साथ गठबंधन में शामिल कांग्रेस के पास सिर्फ 9 विधायक बचेंगे।

गुरुवार को ही नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री और सुशील कुमार मोदी ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही शासन की बागडोर संभाल ली। केंद्र व बिहार में 21 साल बाद एक जैसी गठबंधन सरकार है। तब बिहार व केंद्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार थी।

राजग ने बीती रात राज्यपाल त्रिपाठी के समक्ष 132 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी थी। इसमें जदयू 71, भाजपा 53, आरएलएसपी 2, लोजपा 2, हम 1 व 3 निर्दलीय शामिल हैं। वहीं 243 सदस्यीय बिहार विस में राजद के 80, कांग्रेस के 27 व भाकपा माले के 3 सदस्य हैं। शुक्रवार सुबह होने वाले शक्ति परीक्षण में जदयू के 5 मुस्लिम व 11 यादव परिवारों पर खास नजर रहेगी। माना जा रहा है कि ये नीतीश के फैसले से असंतुष्ट हैं।

केरल की जदयू इकाई ने नीतीश द्वारा भाजपा से हाथ मिलाने का विरोध करते हुए खुद को पार्टी से अलग कर लिया है। केरल इकाई के अध्यक्ष व सांसद वीरेंद्र कुमार ने यह जानकारी दी।

बिहार में राजग के विस्तार के साथ ही केंद्र में भी जदयू राजग का हिस्सा होगा। अगले महीने नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार लगभग तय है। इसमें जदयू से शरद यादव व एक अन्य को मंत्री बनाया जा सकता है।

सबसे बड़े दल के नाते राजद को सरकार बनाने का मौका नहीं देने के खिलाफ गुरुवार को पटना हाई कोर्ट में को दो अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गईं। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ तय करेगी कि याचिका को सुना जाए या नहीं।