दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ में मानसून बे्रक जैसे हालात बन गए हैं। 3 दिनों से इन इलाकों में बारिश नहीं हो रही है और हफ्तेभर होने की संभावना भी नहीं है। इससे मध्य छत्तीसगढ़ खासकर रायपुर, दुर्ग और बलौदाबाजार जिले में खेती खतरे में नजर आ रही है। यहां अब तक सामान्य से 35 फीसदी तक कम बारिश हुई है।
रायपुर मौसम केंद्र के विज्ञानियों का कहना है कि झारखंड और मध्यप्रदेश के ऊपर बने निम्नदाब क्षेत्र ने दिशा बदल दी है, जिससे राज्य में बारिश बंद हो गई है। हालांकि बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग में निम्नदाब क्षेत्र बनने की संभावना दिख रही है, लेकिन उसमें कम से कम 7 दिन का समय लगेगा। इसके प्रबल होने के बाद 2 दिनों में राज्य में इसका असर होगा और तब बारिश होगी। इस दौरान मणिपुर की ओर बने दाब क्षेत्र से उत्तरी छत्तीसगढ़ में जरूर हल्की बारिश होगी। इस बीच बाकी जगह स्थानीय प्रभाव से मामूली बारिश ही होगी।
30 सालों के वर्षा के औसत अनुसार रायपुर में 30 जुलाई तक 515 मिमी बारिश होनी चाहिए। इस बार 35 प्रतिशत कम 335 मिमी ही हुई है। दुर्ग में 489.9 मिमी के बजाय 317.2 मिमी और बलौदाबाजार में 508.6 मिमी के बजाय 300.5 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। राज्य के बाकी सभी जिलों में सामान्य वर्षा हुई है।
बारिश का आंकड़ा औसत 488 से 644 मिमी के मुकाबले बालोद में 727.9 मिमी, बस्तर में 708.6, कोंडागांव में 701.2, सूरजपुर में 908.9 और सरगुजा में 908 मिमी वर्षा हो चुकी है।
बारिश बंद होते ही प्रदेश में तापमान भी बढ़ने लगा है। रविवार को रायपुर का अधिकतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा 32.6 डिग्री रहा जबकि 4 दिन पहले तक लगातार पड़ रही बौछार के कारण पारा 26.6 डिग्री था। शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात का न्यूनतम तापमान 26.1 डिग्री रहा। हवा में नमी की मात्रा 85 प्रतिशत से घटकर 65 प्रतिशत तक पहुंच गई। प्रदेश में सबसे ज्यादा तापमान माना एयरपोर्ट में सामान्य से 3 डिग्री अधिक 33.1 और न्यूनतम जगदलपुर में 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।