देश के सबसे बड़े सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने इस्तीफा दे दिया है। पनगढ़िया ने अपने इस फैसले से पीएमओ को भी अवगत करा दिया है। हालांकि पीएम मोदी फिलहाल असम के बाढ़ग्रस्त इलाकों के दौरे पर हैं, इसलिए पनगढ़िया के इस्तीफे पर आखिरी फैसला नहीं हुआ है।
31 अगस्त पनगढ़िया का आखिरी कार्यकारी दिन होगा, इसके बाद वे एकेडमिक्स का रुख करेंगे। आपको बता दें देश की नीति और विकास प्रक्रिया को नई दिशा देने के लिए मोदी सरकार ने योजना आयोग को खत्म करके नीति आयोग की शुरुआत की थी। अरविंद पनगढ़िया नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष बने थे। पनगढ़िया भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं और कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं।
अरविंद पनगढ़िया कई पुस्तक भी लिख चुके हैं। उनकी पुस्तक इंडिया द इमरजिंग जाइंट 2008 में इकनॉमिस्ट की ओर से सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली पुस्तक में शामिल हो चुकी है। मार्च 2012 में उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पदम विभूषण से नवाजा जा चुका है।
अपनी बात तार्किक अंदाज में कहने वाले अर्थशास्त्री के रूप में पहचान बनाने वाले पनगढ़िया की सलाह पर ही सरकार ने एयर इंडिया को बेचने का निर्णय किया था। इससे पहले तमाम अर्थशास्त्री एयर इंडिया को लेकर इस तरह की इच्छा तो रखते थे लेकिन सरकार के सामने कहने की पहल किसी ने नहीं की।
सूत्रों के अनुसार, पनगढ़िया वापस कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाना शुरू कर सकते हैं। बताया जाता है कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कोई भी व्यक्ति रिटायर नहीं होता है। वह जीवनभर अपनी स्वास्थ्य क्षमता के अनुसार अध्यापन कार्य कर सकता है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी से अरविंद पनगढ़िया को दो बार पहले भी वापस लौटने के लिए नोटिस भेजा गया था।