केमिस्ट को अलग से लायसेंस लेने की जरूरत नहीं
मध्यप्रदेश की सभी दवा की दुकानों में स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली दवा टेमीफ्लू उपलब्ध रहेगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्वाइन फ्लू की दवाओं जैसे- ओसाल्टामिविर और जेनामिविर को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली-1945 के तहत शेड्यूल-एक्स से हटाकर शेड्यूल-एच-1 में शामिल किया है।
पहले स्वाइन फ्लू दवा के शेड्यूल-एक्स में होने से इसके लिये अलग से लायसेंस दिया जाता था। यह दवा दूसरी दवाओं के साथ न रखते हुए लायसेंस प्राप्त अस्पतालों में तालाबंद रखी जाती थी। अब एच-1 में शामिल होने से फुटकर दवा विक्रेता भी इसे रख सकेंगे और आवश्यकता होने पर मरीज के परिजन डॉक्टर के पर्चे पर केमिस्ट से खरीद सकेंगे। दुकानदार के लिये अलग से लायसेंस लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
लायसेंस की बाध्यता समाप्त होने से स्टॉकिस्ट अब आसानी से होलसेल डीलर से दवा खरीद सकेंगे। भोपाल के गर्ग मेडिकल स्टोर के श्री सुमित अग्रवाल ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे स्वाइन फ्लू मरीजों को त्वरित लाभ मिलेगा। छतरपुर के केमिस्ट श्री सुनील चौबे ने कहा कि स्वाइन फ्लू मरीज को बहुत तेजी से प्रभावित करता है। ऐसे में दवा की सहज उपलब्धता स्वाइन फ्लू जैसी खतरनाक बीमारी के मुकाबले के लिये वरदान सिद्ध होगी।