खबर रायपुर से । रक्षाबंधन पर यूं तो कई उदाहरण है, लेकिन इस पवित्र त्योहार से पहले ही एक बहन अपने भाई को किडनी का अनमोल तोहफा देकर इस रिश्ते की गरिमा को और बढ़ाने की पहल कर रही है। कमेटी ने अनुमति दी तो 14 अगस्त को किडनी ट्रांसप्लांट होगा।
आईजी एसआरपी कल्लूरी की दोनों किडनी खराब हो गई है। उन्हें जल्द से जल्द किडनी की जरूरत थी। ऐसे में जब उनकी बड़ी बहन डॉक्टर अनुराधा को इस बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत अपनी एक किडनी भाई को देने का फैसला कर लिया।
बहन अनुराधा ने कहा कि वह ऐसा करके ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास कर रही हैं। ऐसे में भाई को किडनी की जरूरत पड़ने पर किसी और से इसके लिए कहने की बजाय मैंने अपनी किडनी देने का फैसला किया।
डॉक्टरों की माने तो शनिवार को नईदिल्ली के मेदांता अस्पताल में उसके ब्लड आदि की जांच होगी। 9 अगस्त को इस बाबत कमेटी बैठेगी, जो किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में निर्णय लेगी। यदि सबकुछ सही रहा तो 13 अगस्त को किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू होगी। 14 अगस्त को ऑपरेशन होगा। इसके बाद कल्लूरी करीब 3 महीने तक डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे।
ज्ञात हो कि बस्तर आईजी रहते हुए कल्लूरी पर मानवाधिकार हनन के आरोप लगे थे। पिछले साल दिसंबर में उन्हें सीने में दर्द की शिकायत पर बस्तर से विशाखापटनम ले जाया गया था। वहां अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने उनके हार्ट की सर्जरी की थी। तब बताया गया था कि उनके किडनी का भी उपचार किया गया है।
हालांकि कहा जा रहा था कि वे अपोलो से पूरी तरह स्वस्थ होकर लौटे हैं। हाल ही में दोबारा समस्या शुरू होने पर कल्लूरी नईदिल्ली चले गए। वहां चेकअप कराने पर किडनी की समस्या सामने आई। इसके बाद डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट का निर्णय लिया है।
ट्रांसप्लांट करने वाले मेदांता अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार अलग ब्लड ग्रुप के लिए ट्रांसप्लांट प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण होती है। इस केस में यदि ब्लड ग्रुप एक ही रहा तो आसानी से ट्रांसप्लांट प्रक्रिया पूरी होगी। यदि ब्लड ग्रुप अलग-अलग हुआ तो ऐसे में इसे संभव करने के लिए हमें फेरेसिस प्लाज़्मा की सहायता लेनी पड़ेगी। इसके तहत प्राप्तकर्ता के ऐंटि बॉडी लेवल को कम करके इसे सफल बनाया जाएगा।