विश्व आदिवासी दिवस पर बस्तर से रायपुर तक सत्तारूढ़ भाजपा और विरोधी कांग्रेस वोट बैंक साधते नजर आए। दोनों दलों के बीच बस्तर की 12 विधानसभा सीटों पर जोर-आजमाइश दिखी, जहां आदिवासी आबादी अधिक है।
राजधानी में सूबे के मुखिया डॉ.रमन सिंह ने आदिवासियों के कल्याण की सभी योजनाओं का बखान किया। समाज के प्रतिभावान छात्रों, खिलाड़ियों और समाजसेवियों को सम्मानित किया। प्रधानमंत्री के \'मन की बात\' सुनने वाले अति संरक्षित जनजाति के बुजुर्गों को कंबल, छतरी और रेडियो बांटे।
आदिवासी लेखकों की कृतियों का विमोचन किया। उधर, बस्तर में कांग्रेसियों ने सम्मेलन के बहाने राज्य सरकार की रीति-नीति पर सवाल उठाए। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने तो यहां तक कहा कि भाजपा आदिवासियों से छलावा करती है। उसका मकसद केवल वोट लेना है।
समाज के आशीर्वाद से 14 साल से मुख्यमंत्री हूं: रमन सिंह
राजधानी के इंडोर स्टेडियम में डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश भर से जुटे समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि यह समाज के लोगों का आशीर्वाद है कि मैं 14 साल से मुख्यमंत्री हूं। 14 अगस्त को 5 हजार दिन पूरे हो जाएंगे।
कोई पूछता है कि आपकी सबसे महत्वपूर्ण योजना क्या है? मैं कहता हूं-पीढ़ियों के निर्माण की। प्रयास विद्यालयों में नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चों को 2 साल की ट्रेनिंग देनी शुरू की गई, नतीजा सामने है। इसी साल 9 बच्चों का मेडिकल में चयन हुआ है। इसे 90 तक ले जाना है। प्रयास में अभी 15 सौ सीटें हैं। इन्हें 3 हजार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई में शहीद वीरनारायण सिंह और गुंडाधूर जैसे शूरवीरों ने खून बहाया है। इस आजादी को हमें और मजबूत करना है। जगदलपुर में गुंडाधूर और रायपुर में शहीद वीरनारायण सिंह के नाम से संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा।
आदिवासियों को मिटाने का प्रयास कर रही सरकार : सिंहदेव
कांकेर में चारामा ब्लॉक के जैसाकर्रा में बुधवार को आदिवासी सम्मेलन में सिंहदेव ने प्रदेश सरकार पर जमकर शब्दों के तीर छोड़े। कहा कि भाजपा सरकार आदिवासियों का शोषण कर रही है। उन्हें मिटाने का घटिया प्रयास किया जा रहा।
आदिवासी संस्कृति हमारे समाज और देश की धरोहर है। समाज ने देश की एकता और अखंडता के लिए बलिदान दिया है। इसे भूलना नहीं चाहिए। प्रदेश सरकार को गरीब और किसानों के हित से कोई सरोकार नहीं है।
विधायक मनोज मंडावी ने कहा कि आदिवासियों को नक्सली बताकर फर्जी मुठभेड़ में मारा जा रहा है। उन्हें आज भी अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। समाज के लोगों ने बस्तर के आदिवासी की समस्याएं, क्षेत्रों में छठवीं अनुसूची लागू करने, राज्य में पेशा एक्ट लागू करने सहित 18 सूत्रीय ज्ञापन सिंहदेव को सौंपा। सिंहदेव ने उसे सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।