मध्यप्रदेश पुलिस आदर्श बने
मध्यप्रदेश  पुलिस आदर्श  बने
मुख्यमंत्री चौहान की नसीहत मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश की पुलिस आदर्श बल बने। देश में ही नहीं दुनिया में चर्चा हो कि पुलिस बल हो तो मध्यप्रदेश जैसा। श्री चौहान मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में 53 वीं राज्य स्तरीय पुलिस वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का समापन कर रहे थे। उन्होंने स्टेडियम के उन्नयन और नवीनीकरण की आवश्यकता भी बताई।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खेल प्रतियोगिताएँ जीवन के विकास के लिये बहुत जरूरी हैं। खेलने से शरीर स्वस्थ होता है। स्वस्थ शरीर ही सब धर्मों के पालन का माध्यम है। खेल प्रतियोगिताएँ टीम स्प्रिट की भावना पैदा करती है। उन्होंने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि जो हार गये हैं वे हार नहीं मानें, विजय के लिये निरंतर प्रयास जरूरी है।श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस कर्त्तव्य का निर्वहन लगातार निष्ठा और परिश्रम से करती है। राज्य की कानून एवं व्यवस्था को बेहतर रखने में सक्षम है। उपद्रवी तत्वों और अपराधियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा कि पुलिस असामान्य परिस्थितियों में निरंतर संघर्षमय वातावरण में कार्य करती है। इसलिये यह जरूरी है कि बल के सभी सदस्य एक परिवार की तरह रहे। एक दूसरे की समस्याओं के समाधान में सहयोग करे। किसी को अकेलापन महसूस नहीं होने दे। उन्होंने कहा कि पुलिस बल की सभी आवश्यकताओं और समस्याओं के समाधान में वे सदैव साथ है।पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे ने बताया कि 6 दिवसीय प्रतियोगिता में 576 खिलाड़ी ने भाग लिया। प्रतिभागियों में से राष्ट्रीय खेलों के लिये राज्य की टीम का चयन किया जायेगा। राष्ट्रीय खेलों में मध्यप्रदेश पुलिस के प्रदर्शन का गौरवशाली इतिहास है। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मध्यप्रदेश पुलिस को 77 स्वर्ण, 89 रजत और 115 कांस्य पदक प्राप्त हुए हैं। आभार प्रदर्शन विशेष सशस्त्र बल के अपर महानिदेशक शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने किया। श्री चौहान ने प्रारंभ में खिलाड़ियों के मार्च पास्ट की सलामी ली और 100 एवं 800 मीटर पुरूष दौड़ का फायनल देखा।अंत में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार दिये गये।