नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के फैसले से आडिशा सरकार को झटका लगा है। उसने महानदी पर छत्तीसगढ़ सरकार की परियोजनाओं का संचालन शुरू नहीं करने की याचिका लगाई थी। एनजीटी ने उसे खारिज कर दिया है। उसने यह साफ कर दिया कि महानदी पर निर्माणाधीन परियोजनाओं में पहले से कोई स्थगन नहीं था। इस कारण नए बैराजों के निर्माण का रास्ता खुल गया है।
गुरुवार को कोलकाता के एनजीटी की पूर्वी बेंच ने इस प्रकरण की सुनवाई की। छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से महाधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा ने पक्ष रखा। उनके साथ जल संसाधन विभाग बिलासपुर के मुख्य अभियंता और प्रकरण के प्रभारी अधिकारी एसके अवधिया और कार्यपालन अभियंता आरएस नायडू भी उपस्थित थे।
दोनों अधिकारी शाम को कोलकाता से रायपुर लौट आए। नायडू ने बताया कि महानदी पर राज्य सरकार पांच बैराज बसंतपुर, मिरौनी, साराडीह, कलमा और समोदा में बैराज का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है, जबकि शिवरीनारायण बैराज निर्माणाधीन है।
एनजीटी ने छत्तीसगढ़ सरकार का पक्ष सुनने के बाद कहा कि महानदी पर ऐसे बैराज, जिनका निर्माण शुरू नहीं हुआ, उन्हें भी अब प्रारंभ कर सकते हैं। गौरतलब है कि पूर्वी क्षेत्रीय बेंच ने 26 जुलाई 2017 को अभिलेखों का परीक्षण करने के बाद राज्य सरकार से यह अपेक्षा की थी, कि जिन बैराजों निर्माण शुरू नहीं हुआ है, उनमें फिलहाल आगामी सुनवाई होने तक कार्य प्रारंभ नहीं किया जाए।