रद्द नहीं होगी रेयान इंटरनेशनल स्कूल की मान्यता
हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री राम विलाश शर्मा ने साफ कर दिया है कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल की मान्यता को रद्द नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि स्कूल में 1200 बच्चे पढ़ते हैं, इसलिए यह कदम ठीक नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि मामले में जुवेनाइल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच प्रद्युम्न की हत्या के आरोपी कंडक्टर अशोक के पिता ने स्कूल पर बेटे को फंसाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा निर्दोष है। उसे फंसाया जा रहा है। वहीं कंडक्टर की बहन ने कहा कि मेरे भाई को पीटा गया है और उस पर गलत बयान देने के लिए दबाव डाला गया। स्कूल के प्रिंसिपल ने पुलिस को घूस दी है। इसके साथ ही खबर अा रही है कि अारोपी कंडक्टर के परिवार का गांव वालों ने बहिष्कार कर दिया है।
उधर, रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या की जांच के लिए पुलिस उपायुक्त (दक्षिणी) अशोक बक्शी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
जांच में स्कूल में सुरक्षा को लेकर बरती जा रही लापरवाही के बारे में पूरी जानकारी भी हासिल की जाएगी। दूसरी तरफ जिला प्रशासन की ओर ओर से पांच सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया है, जो अपने स्तर पर जांच करेगी। पुलिस सात दिन के अंदर चार्जशीट अदालत में पेश कर देगी।
शनिवार को पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार एवं जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल की घटना को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। घटना के कुछ ही घंटे के बाद न केवल आरोपी की पहचान की गई बल्कि उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया।
स्कूल प्रबंधन की लापरवाही की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार भी इस घटना को लेकर चिंतित है। वहीं घटना के विरोध में लक्ष्मण विहार में लोगों ने कैंडल मार्च निकाल स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
बताया जाता है कि आरोपी अशोक ने हत्या करने के बाद कुछ मिनट के लिए कहीं छिप गया था। जैसे ही माली ने शोर मचाया तो वह सामने आ गया ताकि कोई उस पर शक न करे। उसने ही प्रद्युम्न को घटनास्थल से उठाकर अस्पताल में ले जाने में मदद की।
इससे उसके हाथ एवं कपड़े में काफी खून लग गए थे। इस वजह से किसी को उसके ऊपर शक नहीं हुआ। जब मामला सामने आया तो स्कूल के तीन बच्चों ने पुलिस को बताया कि एक बस का सहायक बाथरूम में चाकू धो रहा था। इसी आधार पर सभी बसों के चालक व सहायक से पूछताछ की गई। सवालों के जाल में अशोक फंस गया। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने अपराध कबूल कर लिया।