दंतेवाड़ा में इंद्रावती नदी के पार गांव के लोगों को सहज स्वास्थ्य सुविधाएं आज भी सुलभ नहीं है। मरीजों को उपचार के लिए मीलों पैदल चलने के बाद नदी पार करना पड़ता है। गर्भवती और गंभीर मरीजों को इंद्रावती नदी पार करने के बाद ही एंबुलेंस मिलती है।
नदी पार पहुंचाने तक परिजन डोले या कंधे में बिठाकर लाते हैं। बुधवार को भी ऐसा ही नजारा चेरपाल घाट के उस पार देखने को मिला। नदी घाट से करीब दस किमी दूर बीहड़ में बसे तुमरीगुंडा गांव की कलावती के पीठ में घाव के साथ तेज बुखार था।
स्वास्थ्य कार्यकर्ता मीना प्रसाद की सलाह पर बुजुर्ग महिला को उसके बेटे और भांजे कुर्सी के डोला में बिठाकर लाए। नदी पार करने के बाद सरकारी एंबुलेंस से महिला को बारसूर पहुंचाया गया।