छत्तीसगढ़ में लोग रोज करीब 13 करोड़ 62 लाख स्र्पए की शराब गटक रहे हैं। इससे सरकार को प्रतिदिन करीब 10 करोड़ से अधिक की आय हो रही है। शराब की सबसे ज्यादा बिक्री रायपुर जिले में होती है। यहां हर महीने करीब 48 करोड़ के हिसाब से आठ महीने में लगभग 390 करोड़ स्र्पए की शराब बिकी है। बिक्री के लिहाज से दूसरे नंबर पर दुर्ग और तीसरे नंबर पर आबकारी मंत्री का गृह जिला बिलासपुर है।
शराब बिक्री के यह आंकड़े आबकारी मंत्री अग्रवाल ने विधानसभा में पूछे गए सवालों के जवाब में दिए हैं। प्रश्नकाल में विधायक शराब की बिक्री और उससे प्राप्त राजस्व को लेकर भैयाराम सिन्हा समेत कुछ और विधायकों ने सवाल लगाया था। इसके जवाब में मंत्री ने बताया कि बीते आठ महीने (अप्रैल से नवंबर) 32 अरब 69 करोड़ 30 लाख स्र्पए की शराब बेची गई। इससे 24 अरब 27 करोड़ 13 लाख की आय हुई।
विधानसभा में दी गई जानकारी में बताया गया है कि राज्य में कुल 693 शराब की दुकानें हैं। इनमें 376देशी और 317 विदेशी शराब दुकाने हैं। सबसे ज्यादा 71 शराब दुकान आबकारी मंत्री अग्रवाल के जिले बिलासपुर में हैं। दूसरे नंबर पर रायपुर और तीसरे नंबर पर दुर्ग है। इन जिलों में क्रमश 65 व 61 दुकानें हैं।
शराब में मिलावट के आरोप पर मंत्री ने बताया कि शराब की बिक्री प्लेसमेंट कर्मचारियों की देखरेख में चल रही है, उन्हीं के लोग मिलावट करते हैं। मंत्री ने बताया कि शिकायत मिलने पर विभाग ने उन्हें पकड़ कर कार्रवाई भी की है।
विधायक सिन्हा ने कहा कि पहले एक व्यक्ति को चार पव्वा शराब दिया जाता था, अब उसे बढ़ाकर आठ कर दिया गया है। लोग आठ पव्वा लेते हैं एक पीते हैं बाकी बेच देते हैं। इसी वजह से अवैध बिक्री बढ़ रही है। आबकारी मंत्री ने कहा कि आप सुझाव अच्छा है नई पॉलिसी आ रही है, उसमें शामिल कर लेंगे।