मध्यप्रदेश में दूध की गंगा
मध्यप्रदेश में  दूध  की गंगा
उत्पादन राष्ट्रीय दर से अधिकमुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि ऐसे प्रयास हों जिससे मध्यप्रदेश हिन्दुस्तान के दुग्ध बाजार में छा जाये। उन्होंने कहा कि साँची ब्राँड की गणना देश के सर्वश्रेष्ठ दुग्ध उत्पादों में हो इसकी रणनीति बनाकर कार्य किये जायें।मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल में पशुपालन विभाग की बैठक में बताया गया कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि की दर राष्ट्रीय दर से अधिक है। राष्ट्रीय औसत साढ़े चार प्रतिशत है जबकि राज्य का औसत 8.5 प्रतिशत है।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश में अच्छा कार्य हुआ है। इस क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। सहायक आजीविका के रूप में पशुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग राशि वितरण तक सीमित नहीं रहे बल्कि पशुपालन और दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में और बेहतर कार्य किया जाय। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा विभिन्न परियोजनाओं, इकाइयों और हितग्राहियों को राशि उपलब्ध करवायी जाती है, इसकी उपयोगिता की मॉनीटरिंग का दायित्व भी विभाग का है। उन्होंने आगामी त्रैमासिक समीक्षा में राशि की उपयोगिता संबंधी जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। चौहान ने विभिन्न योजनाओं में लक्ष्य से अधिक उपलब्धि अर्जित किये जाने पर विभाग की सराहना करते हुये कहा कि जो जिले अच्छा कार्य कर रहे हैं, उनको प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।मुख्यमंत्री चौहान ने सुसनेर, शाजापुर में बन रहे गौ-अभयारण्य की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह अभयारण्य अनूठा होगा। इसे पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय की पंचगव्य आधारित परियोजना के प्रायोगिक प्रयोजन केन्द्र के रूप में भी विकसित किया जाये।बैठक में बताया गया कि 984 एकड़ में विकसित सुसनेर अभयारण्य में 10 हजार गौ-वंश के रहने की व्यवस्था की जायेगी। राज्य में दुग्ध संघ के उत्पादन में तेजी से वृद्धि हो रही है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।