गुजरात में भाजपा की सरकार बनने के बाद विभागों के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल के बीच मतभेद की अटकलें थीं। मगर अब लगता है सब कुछ ठीक हो गया है। उन्होंने आज अपना पदभार संभाल लिया।
बताया जा रहा है कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के फोन आने के बाद नितिन पटेल की नाराजगी दूर हुई है। अमित शाह ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। उनके फोन आने के कुछ देर बाद ही नितिन पटेल पदभार संभालने गांधीनगर पहुंचे।
मीडिया से बात करते हुए नितिन पटेल ने कहा कि अमित शाह ने मुझ पर भरोसा जताया है, इसलिए मैंने पदभार संभाल लिया है। मैंने सुबह कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री रूपाणी के साथ हिस्सा भी लिया।
नितिन पटेल ने स्पष्ट रूप से यह भी कहा, मैं कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय नहीं चाहता था। मेरी बस यही इच्छा थी कि मैं जिन मंत्रालयों को पहले से देख रहा था, वो मुझे फिर से दे दिए जाए। मैंने 40 साल से भाजपा कार्यकर्ता के तौर पर काम किया है। मेरे योगदान को देखते हुए ही पार्टी ने मुझे उप मुख्यमंत्री बनाया है। मैं पार्टी छोड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकता।
हार्दिक पटेल के प्रस्ताव पर नितिन पटेल ने कहा, कांग्रेस कई मामलों में राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है। कांग्रेस की ओर से जो प्रस्ताव दिया गया है, मैं उस पर कभी विचार भी नहीं कर सकता हूं। गौरतलब है कि शनिवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा था कि अगर नितिन पटेल अपने साथ 10 भाजपा कार्यकर्ताओं को साथ ला साकते हैं तो उन्हें कांग्रेस पार्टी में शामिल हो जाना चाहिए। इस प्रस्ताव को लेकर भाजपा ने हार्दिक पटेल को खूब खरी-खरी भी सुनाई है।