चारा घोटाला : में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा, 5 लाख जुर्माना
चारा घोटाला : में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा, 5 लाख जुर्माना

 

 

रांची  में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव अलावा राजेंद्र प्रसाद, सुनील सिन्हा, सुशील कुमार समेत 6 दोषियों को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने लालू पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है जिसे ना भरने पर सजा 6 महीने के लिए बढ़ा दी जाएगी।

कोर्ट ने लालू को यह सजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाई। खबरों के अनुसार कोर्ट ने घोटाले में सप्लायर्स को सात साल की सजा सुनाई है वहीं आईएएस और ट्रेजरी अधिकारियों को भी साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना लगया गया है।

साढे़ तीन साल की सजा होने पर अब लालू यादव को हाईकोर्ट से ही जमानत मिल पाएगी। अगर सजा तीन साल से कम होती तो उन्हें तत्काल जमानत मिल जाती।

इसके पहले शुक्रवार को अदालत ने लालू यादव और पूर्व सांसद डॉ.आरके राणा सहित पांच दोषियों के खिलाफ सजा के बिंदु पर सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो गई। इसके पहले दोषी करार पांच अन्य की सुनवाई गुरुवार को पूरी हो चुकी है। अब बचे छह दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई शनिवार को होगी। इसके बाद अदालत इन्हें सजा सुनाएगी। सभी अभियुक्त बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में बंद हैं।

दोषी करार जिन अभियुक्तों की ओर से शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में सुनवाई हुई, उनमें लालू प्रसाद और राणा के अलावा फूलचंद सिंह, राजा राम जोशी व महेश प्रसाद शामिल हैं। कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग ई-कोर्ट रूम से संचालित हुई। सुनवाई के दौरान महेश प्रसाद को छोड़ अन्य अभियुक्तों को बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया।

पेशी के दौरान लालू खामोश थे। कार्यवाही को गंभीरता से सुनने की कोशिश कर रहे थे। चेहरे का भाव सामान्य था। अभियुक्तों की ओर से उनके अधिवक्ता ने बहस की। स्वास्थ्य सहित अन्य व्यक्तिगत समस्या, ज्यादा उम्र, करीब 20 वर्षों से मुकदमा लड़ने को लेकर कम से कम सजा की अपील न्यायालय से की। वहीं सीबीआइ की ओर से वरीय विशेष लोक अभियोजक राकेश प्रसाद ने अधिक सजा की दलील दी।

उन्होंने अपराध की प्रवृत्ति को देखते हुए कानून के प्रावधान के आधार पर अधिक से अधिक सजा देने की अपील न्यायालय से की। उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले में 16 अभियुक्तों को अदालत ने 23 दिसंबर, 2016 को दोषी करार दिया था। इसके बाद सभी को न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल भेजा गया था। अदालत तीन जनवरी से सजा के बिंदु पर सुनवाई कर रही है। अभियुक्तों के नाम को अल्फाबेटिकल बांटकर सुनवाई हो रही है। यह मामला देवघर कोषागार से 89.04 लाख रुपये अवैध निकासी से संबंधित है।