संजयलीला भंसाली ने भले ही विवादों में फंसी अपनी फिल्म \'पद्मावती\' का नाम बदलकर \'पद्मावत\' कर दिया हो, लेकिन विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। दीपिका पादूकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर इस फिल्म को मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात में बैन कर दिया गया है। हालांकि यूपी में यह फिल्म जरूर रिलीज हो सकती है।
योगी आदित्यनाथ सरकार फिल्म पर बैन लगाने के मूड में नहीं है, क्योंकि सेंसर बोर्ड के निर्देश के बाद जरूरी बदलाव किए जा चुके हैं। हालांकि अभी यूपी सरकार की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मालूम हो, यह फिल्म 25 जनवरी को रिलीज होना है। इस बीच, करणी सेना ने एक बार फिर इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
करणी सेना के राष्ट्रीय संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने कहा है कि लाखों लोगों के बलिदान पर फिल्म के निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली को कालिख पोतने नहीं दिया जा सकता है। अगर यह फिल्म रिलीज हुई तो सिनेमा हाल के बाहर कर्फ्यू जैसे हालात होंगे। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि यह विरोध प्रदर्शन होगा या कुछ और।
मध्यप्रदेश में फिल्म रिलीज को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट कर दिया है कि \'जो मैंने पहले कहा था उस पर आज भी कायम हूं।\" उल्लेखनीय है कि सीएम हाउस में 20 नवंबर को आयोजित राजपूत समाज के एक कार्यक्रम में समाज के आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री ने मप्र के सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की घोषणा की थी।
राजस्थान में हाईकोर्ट की दखल
राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता की कोर्ट ने 23 जनवरी से पहले कोर्ट के समक्ष फिल्म को प्रदर्शित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट भंसाली और अन्य के खिलाफ हुए मुकदमों को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
संजय लीला भंसाली, रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के खिलाफ आइपीसी की धारा-153 ए और 295- ए में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसे रद्द कराने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील निशांत बोड़ा ने कोर्ट में तर्क दिया कि न तो फिल्म प्रदर्शित हुई है और न ही इसका ट्रेलर रिलीज हुआ है।
वहीं, मुंबई पुलिस चाहती है कि फिल्म \"पद्मावत\" की रिलीज 25 जनवरी को न हो। पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार को भेजी रिपोर्ट में 25 जनवरी को संजय लीला भंसाली की इस फिल्म की रिलीज की मंजूरी न देने की पैरवी की है। इस रिपोर्ट पर अभी महाराष्ट्र सरकार को अंतिम फैसला लेना है।