अहमदाबाद में सोमवार को बेहोशी की हालत में मिले वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया ने मंगलवार को होश में आने के बाद मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान तोगड़िया सोमवार की पूरी घटना को लेकर भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने इस दौरान अपने एनकाउंटर के अलावा अपनी आवाज दबाने की राजनीतिक साजिश का आरोप भी लगाया।
उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं सालों से हिंदू एकता, राम मंदिर व अन्य मुद्दे उठाता रहा हूं लेकिन पिछले कुछ समय से लगातार मेरी आवाज दबाने का प्रयास होता रहा। सोमवार को भी मेरे एनकाउंटर की खबर मिली जिसके बाद में दफ्तर से निकल गया।
तोगड़िया ने पूरी घटना का सिलसिलेवार जिक्र करते हुए कहा कि मेरी आवाज दबाने के क्रम में सेंट्रल आईबी ने मेरे द्वारा तैयार किए गए डॉक्टरों को डराना शुरू किया जिसके बाद मैंने केंद्र सरकार को पत्र लिखा। लेकिन मेरे खिलाफ कई पुराने केस निकालकर डराने का काम शुरू हुआ। सोमवार को पुलिस गिरफ्तारी का काफिला लेकर आई। यह हिंदुओं और मेरी आवाज दबाने की कोशिश का एक हिस्सा है।
तोगड़िया आगे बोले कि सोमवार को एक जनसभा को संबोधित करके लौटा और पुलिस को कहा कि 2.30 बजे आओ, लेकिन सुबह जब में पूजा कर रहा था तब एक व्यक्ति मेरे कमरे में आया और कहा कि मेरा एनकाउंटर करने पुलिस निकली है। लेकिन मैंने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि इस बीच मुझे फोन आया कि राजस्थान पुलिस के 16 थानों की पुलिस का काफिला निकला है। इसके बाद मैं उसी स्थिति मैं बाहर निकला और बाहर खड़े पुलिस वालों को बताकर ऑटो में कार्यकर्ताओं के साथ निकल गया। रास्ते में राजस्थान के मुख्यमंत्री का संपर्क करवाया जिन्होंने इस बात से इन्कार किया और कहा कि पुलिस नहीं गई है।
इसके बाद मैं फोन बंद कर एक कार्यकर्ता के घर गया। वहां से मैंने राजस्थान में वकीलों और पुलिस से संपर्क किया। उन्हों ने सलाह दी कि आप गिरफ्तारी की बजाय राजस्थान आकर सरेंडर करें। इसके बाद मैं विमान से राजस्थान निकला लेकिन रास्ते में मुझे दिक्कत हुई जिसके बाद मुझे कुछ भी याद नहीं है।
तोगड़िया बोले कि इस तरह के कई और मामले अलग-अलग राज्यों में निकाले जा रहे हैं और मुझे एक जेल से दूसरी जेल में ले जाने की साजिश है ताकि में हिंदुत्व की बात ना कर सकूं।
तोगड़िया 11 घंटे लापता रहे और फिर देर रात अहमदाबाद के शाही बाग इलाके में बेहोशी की हालत में मिले। इसके बाद उन्हें नीय चंद्रमणि अस्पताल में भर्ती कराया गया। तोगड़िया का इस हालत में मिलने पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा हासिल है।
तोगड़िया का इलाज कर रहे डॉक्टरों के अनुसार तोगड़िया को बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था। लो ब्लड शुगर के कारण वो बेहोश थे और उनका तुरंत इलाज शुरू किया गया।
दरअसल पुलिस उन्हें वीएचपी दफ्तर में गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी लेकिन तोगड़िया वहां नहीं मिले जिसके बाद पुलिस खाली हाथ लौटी। पुलिस इस बात पर आश्चर्य जता रही है कि तोगड़िया वीएचपी कार्यालय से 15 किमी दूर कैसे पहुंचे।