मध्यप्रदेश में इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट सिस्टम पर अमल होगा
स्वच्छ भारत के लिए मध्यप्रदेश में वेस्ट मेनेजमेंट सिस्टम मध्यप्रदेश के 377 शहरी नगरीय निकायों के लिए इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट सिस्टम स्थापित कर अमल किया जायगा। नगरीय निकायों को 25-26 क्लस्टर में विभाजित कर सिस्टम का क्रियान्वयन होगा। यह परियोजना निजी-जन भागीदारी (PPP) मोड पर संचालित होगी। परियोजना लागत का 70 प्रतिशत राज्य शासन और 30 प्रतिशत निजी क्षेत्र द्वारा राशि वहन किया जायेगा। यह जानकारी पिछले दिनों इंदौर में आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास संजय शुक्ला ने निवेशकों को दी।श्री शुक्ल ने निवेशकों को मध्यप्रदेश में वेस्ट मेनेजमेंट के संबंध में कुछ नगरीय निकायों द्वारा पीपीपी मोड द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नगर परिषद नामली, सैलाना, गौतमपुरा, राजगढ़ (धार) और महेश्वर कचरामुक्त शहर घोषित हो चुके हैं। जन-भागीदारी से संचालित कार्यक्रम में चित्रकूट नगर पालिका भी इसमें शामिल है। कार्यक्रम में घर-घर से कचरे का संग्रहण, परिवहन, प्रोसेसिंग, आईईसी गतिविधियाँ और निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका दिखी है। इन्दौर नगर निगम ने भी पीपीपी मोड के जरिये ए टू जेड गुडगाँव प्रा.लि. के साथ इस दिशा में कार्य किया है। ग्वालियर नगर निगम भी निजी क्षेत्र की भागीदारी से कार्य कर रहा है।श्री शुक्ल ने निवेशकों को बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने विजन 2018 में सभी शहरी-नगरीय निकायों में सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट को अमल में लाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सभी शहरों में घर-घर से कचरा एकत्रित कर उसका डिस्पोजल करवाया जायेगा। क्लस्टर आधारित प्रोजेक्ट में प्रत्येक 50-80 किलोमीटर परिधि के निकायों का एक क्लस्टर रहेगा, उसमें छोटे निकाय भी शामिल रहेंगे। श्री शुक्ल ने कहा कि शहरों में कचरा प्रबंधन आर्थिक एवं सामाजिक लाभ का विषय है।