इंजीनियर देश-प्रदेश के विकास में योगदान दें
मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने देश के इंजीनियरों के प्रेरणा-स्त्रोत भारत रत्न डा. मोक्ष गुण्डम विश्वैसरैया का पुण्य-स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने सीमित साधनों से उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की। बड़े- बड़े पुल और बाँधों का निर्माण अपने अदभुत तकनीकी कौशल से कर देश के विकास को गति दी। मुख्य सचिव ने कहा कि युवा इंजीनियर्स डॉ. विश्वैसरैया के जीवन से प्रेरणा लेकर देश के विकास में अपना योगदान दें। मुख्य सचिव रीवा में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह का समापन कर रहे थे।श्री डिसा ने कहा कि स्वर्ण जयंती समारोह हर्ष मनाने के अवसर के साथ ही चिंतन और मनन का भी अवसर है। प्रतिस्पर्धी अर्थ-व्यवस्था में यदि हम लगातार आगे नहीं बढ़े तो पिछड़ जायेंगे। श्री डिसा ने कहा कि प्राचार्य, प्रोफेसर सहित कालेज प्रबंधन यह तय करें कि कालेज में शिक्षा का उत्तम वातावरण निर्मित हो। छात्र पढ़े- सीखें और व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त करें। एल्यूमिनाय एसोसिएशन वर्तमान और पूर्व छात्रों के बीच सेतु का कार्य करें।मुख्य सचिव ने आयोजन पर कालेज प्रबंधन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती समारोह किसी भी संस्था के लिये गौरव का विषय होता है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि कॉलेज के छात्रों ने न केवल इंजीनियरिंग से जुड़े अपितु प्रशासनिक, शैक्षणिक, औद्योगिक, राजनैतिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त कर रीवा और प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।प्रारंभ में श्री डिसा ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना और म.प्र. गान की प्रस्तुति की गई। इंजीनियर श्री राजेन्द्र शर्मा ने स्वागत उदबोधन दिया। प्राचार्य श्री डी.के. सिंह ने कालेज का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। पूर्व छात्र एवं एल्यूमिनाय एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री एस.के. दीक्षित प्रतिनिधि श्री सुधीर देवसर एवं पुष्प शर्मा ने भी संबोधित किया।मुख्य सचिव ने कॉलेज परिसर में भारत रत्न डा. विश्वेसरैय्या की प्रतिमा और उनकी स्मृति में ग्यारह लाख की लागत से निर्मित वाटिका का लोकार्पण किया। श्री डिसा ने स्मारिका का विमोचन भी किया।