नोटबंदी के बाद अब एक बार फिर देश के कई राज्यों में एटीएम मशीनों से पैसे खत्म हो गए हैं। एक के बाद एक देश के 8-10 राज्यों में कैश का संकट सामने आया है जिसके बाद केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ने इससे निपटने का काम शुरू कर दिया है। पूरे मामले को लेकर वित्त मंत्री ने कहा है कि देश में कैश की कोई दिक्कत नहीं है।
खबरों के अनुसार यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश के अलावा गुजरात और तेलंगाना समेत कई राज्यों में एटीएम मशीनों में कैश खत्म होने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं।
कैश की किल्लत को लेकर वित्त विभाग के सचिव एससी गर्ग ने कहा कि हम रोजाना 500 रुपए के 500 करोड़ की लागत के नोट छाप रहे हैं। हमने इस छपाई को 5 गुना करने के लिए भी कदम उठाए हैं। अगले कुछ दिनों में हम 2500 करोड़ के 500 के नोट सप्लाय करने लगेंगे वहीं एक महीने में यह बढ़कर 7000-7500 करोड़ हो जाएगी। देश में कैश की कमी नहीं है।
कैश की किल्लत को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार सिन्हा के अनुसार यह एक अस्थायी समस्या है जो कि जियोग्राफिकल कारणों से है। इसका एक ही समाधान है कि कैश मैनेजमेंट सिस्टम का पालन हो। इसके साथ ही सिन्हा ने 2000 के नोट की कमी की बात भी स्वीकारी।
इसे लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि हमने देश में करेंसी की समीक्षा की है और फिलहाल जरूरत से ज्यादा पैसा उपलब्ध है। नोटों की आचनक हुई कमी का कारण कुछ इलाकों में बढ़ी खपत है जिसे टैकल किया जा रहा है।
वहीं कैश की किल्लत को लेकर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री एसपी शुक्ला ने कहा है कि हमारे पर फिलहाल 1,25,000 करोड़ का कैश है। एक समस्या है कि कुछ राज्यों में कैश कम है वहीं कुछ में ज्यादा है। सरकार ने राज्य स्तर पर कमेटियां बनाईं हैं साथ ही रिजर्व बैंक ने भी कमेटी बनाई है ताकि यह नकदी एक राज्य से दूसरे राज्य भेजी जा सके।
जानकारी के अनुसार राज्यों के कई शहरों में एटीएम मशीनें बंद हैं और लोगों को नकदी के लिए भटकना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें एक बार फिर से नोटबंदी का समय याद आने लगा है। हालांकि, यूपी में कैश की किल्लत को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक बुलाई है वहीं केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक भी सक्रिय हुए हैं।
जानकारी के अनुसार रिजर्व बैंक ने इन राज्यों में नकदी की सप्लाय दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए हैं और कहा जा रहा है कि जल्द हालात सामान्य हो जाएंगे।