लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं : मोदी
लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं : मोदी

 

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के पहले पीएम नरेंद्र मोदी लगातार रैलियां और नमों ऐप के माध्यम से कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को भी ऐप के जरिए युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं से बात की। अपनी बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।

पीएम बोले कि \'1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हिंसा भड़की थी। ऐसा लगता है कि उसके बाद से ही यह हिंसा देश के राजनीतिक तंत्र का हिस्सा बन चुकी है। त्रिपुरा, केरल और कर्नाटक में हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। यह लोकतंत्र में अच्छा नहीं लगता, इस हिंसा को रोका जाना चाहिए।\'

प्रधानमंत्री ने कहा कि \'जब एक व्यक्ति अपने आप में भरोसा खो देता है और उसमें सच बोलने और मानने की क्षमता नहीं होती तो वो राजनीतिक हिंसा का रास्ता चुनता है। \'

इससे पहले पीएम ने कहा, ‘कर्नाटक का चुनाव भाजपा के कार्यकर्ता नही बल्कि कर्नाटक की जनता लड़ रही है।‘ युवाओं की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि कर्नाटक के युवाओं ने हर क्षेत्र में खुद को साबित किया है।

बता दें कि 1 मई से ही उन्होंने कर्नाटक में चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथ में ले रखी है और अब वे पार्टी कार्यकर्ताओं को भी नमो मंत्र दे रहे हैं। इसकी जानकारी पीएम ने खुद अपने ट्विटर हैंडल पर दी। उन्होंने लिखा, \'हमारे युवा कार्यकर्ता जोश से लबरेज हैं और केंद्र सरकार के बेहतर काम को लोगों तक पहुंचाने में काफी अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और लगातार पार्टी की आगे पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।\'

बता दें कि इससे पहले एक मई को पीएम मोदी ने भाजपा के किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं से भी नमो ऐप के जरिये संवाद किया था और उनका मनोबल बढ़ाने की कोशिश की थी। कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी तमाम रैलियां कर रहे हैं। उन्होंने 1 मई से अपना चुनावी अभियान शुरू किया था पहले ही दिन धुआंधार तीन रैलियां की थी। वहीं, राज्य में पीएम की रैली में बढ़ते जनसैलाब के बाद उन्होंने रैलियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। अब वे राज्य में 21 रैलियां करेंगे।

जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे भाजपा और कांग्रेस की आक्रमकता बढ़ती जा रही है। लगातार दोनों ही दल के शीर्ष नेता एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। गौरतलब है कि कर्नाटक में 12 मई को मतदान होगा, जबकि 15 मई को चुनाव के परिणाम घोषित किये जाएंगे।