सहकारिता में सहकारिता का पहला प्रयोग मध्यप्रदेश में
सहकारिता में सहकारिता का पहला प्रयोग मध्यप्रदेश में
विंध्य हर्बल' उत्पाद सांची पार्लर में भी मिलेंगे एम पी के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भोपाल में विंध्य हर्बल' एवं सांची' उत्पादों के नये उत्पादों की श्रृंखला का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि वनोपज को वनौषधि में परिवर्तित करने और विंध्य हर्बल' ब्रांड की बाजार में प्रभावी प्रस्तुति से उत्पादों का विस्तार होगा। साथ ही दूध उत्पादन बढ़ने के कारण नये उत्पादों को भी बाजार में उतारना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के वनोपज संग्राहक आदिवासी परिवारों और दुग्ध उत्पादकों के व्यापक हित में सहकारिता के भीतर सहकारिता का जो प्रयोग प्रदेश में किया है वह अनोखा है। उन्होंने कहा कि इस पहल से स्वास्थ्य और रोजगार दोनों मिलेंगे। यह आयोजन मध्यप्रदेश लघु वनोपज संघ और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। इस अनूठी पहल के फलस्वरूपविन्ध्य हर्बल' उत्पाद अब सांची पार्लर में भी उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता के भीतर सहकारिता' के सिद्धांत को अमल में लाकर मध्यप्रदेश ने देश में एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। दो सहकारी संस्थाओं ने मिलकर यह अनूठा प्रयास किया है। इस संयुक्त प्रयास से प्रदेश के लाखों ग्रामीणों और वनवासियों को लाभ मिलेगा। श्री चौहान ने कहा कि आदिवासी परिवार वन संपदा के दोहन पर निर्भर रहते हैं। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि कैसे उन्हें सर्वाधिक लाभ मिले। वन संपदा के उचित दोहन से ही यह संभव है। उन्होंने कहा कि वनोपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि वन संपदा और वनवासियों के बीच जो सहकारिता का संबंध होता है यदि वनवासी नहीं होंगे तो जंगल भी नहीं बचेंगे। श्री चौहान ने विंध्य हर्बल के उत्पादों की मार्केटिंग पर जोर देते हुये कहा कि गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। वन मंत्री सरताजसिंह ने कहा कि विंध्य हर्बल उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनने की पूरी संभावना है। मार्केटिंग नेटवर्क बढ़ाने पर जोर देते हुये श्री सिंह ने कहा कि वनोपज आधारित आजीविका के साधन बढ़ाने के लिये वन संरक्षण भी जरूरी है।पशुपालन मंत्री अजय विश्नोई ने कहा कि पशु उपचार के लिये विंध्य हर्बल'के उत्पादों की पशुपालन विभाग द्वारा सीधे खरीदी की जायेगी। उन्होंने कहा कि सांची के 3700 मिल्क विक्रय केन्द्र हैं। इन्हीं का उपयोग विंध्य हर्बल के उत्पाद प्रदर्शित करने के लिये किया जायेगा। उन्होनें बताया कि सांची बूथ को नया आकर्षक रूप दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश लघु वनोपज संघ के लोगो (पहचान चिन्ह) और नये उत्पादों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने डेयरी फेडरेशन की ओर से प्रदेश के नागरिकों के लिये एडवांस कार्ड' को ऑन लाइन प्राप्त करने की सुविधा का लोकार्पण किया। पहला एडवांस कार्ड मुख्यमंत्री के नाम बनाया गया। विंध्य हर्बल उत्पादों में शहद, च्यवनप्राश, चरम शक्ति पोष्टिक चूर्ण, त्रिफला चूर्ण, मूसली चूर्ण, अर्जुन हर्बल चाय, ब्रम्ह पुष्पी सिरप, आंवला जूस, तुलसी सिरप, विंध्य पेन ऑयल, केशराज ऑयल और बाम शमिल है। इन उत्पादों को प्रदेश में ही स्थापित वनोषधी प्रसंस्करण केन्द्रों में ही तैयार किये गये हैं। पशुओं के स्वास्थ्य के लिये आठ उत्पादों की श्रृंखला शुरू की गयी है। विंध्य डायजेस्टो वेट चूर्ण, विंध्य कफ वेट चूर्ण, विंध्य एंटी डायरो वेट चूर्ण, विंध्य लैक्टो वेट चूर्ण, विंध्य सेप्टो वेट चूर्ण, विंध्य यूरिनो वेट टेबलेट, विंध्य हिंग्वाष्टक वेट चूर्ण, विंध्य डर्मो वेट चूर्ण शामिल हैं। श्री विश्वास सारंग ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह के रूप में नये उत्पाद भेंट किये।