नमो ऐप के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले लोगों से बात करने की प्रक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वास्थ्य योजनाओं के लाभार्थियों से बात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को फायदा हुआ है।
पीएम ने इस बातचीत में उन लोगों के अनुभव भी पूछे जिन्हें भारतीय जनऔषिधि पारियोजना, किफायती कार्डियाक स्टेंट और घुटना प्रत्यारोपण का लाभ मिला है। बातचीत में लाभार्थियों ने भी खुलकर मोदी सरकार की योजनाओं की तारफी की। वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं जो गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंच सके इसके लिए अच्छे अस्पतालों का निर्माण और डॉक्टरों की सीटें बढ़ाने का काम किया है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए युवा उद्यमियों से बात की थी।स्टार्ट अप इंडिया के तहत अपना स्वरोजगार स्थापित करने वाले युवा उद्यमियों से उन्होंने कहा कि आज हमारा युवा रोजगार मांगने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बन रहा है। उन्होंने कहा, \'हम दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक हैं।
वार्ता के मुख्य अंश
प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के तहत हमने सुनिश्चित किया है कि देश की जनता को दवाइयां कम से कम कीमतों में मिल सके ,किसी भी बीमारी में गरीब के लिए सबसे बड़ी चिंता होती है दवाई, हमने यह सुनिश्चित किया है कि गरीबों को सस्ती दवाई मिल सकें।
कटक से जन औषधि केंद्र के लाभार्थी मोहंती दास ने पीएम मोदी को बताया कि पहले उनका महीने में 3 हजार के करीब दवाई का खर्च था, जो अब सिर्फ 500 रुपये तक रह गया है।
ह्रदय रोगियों को सहूलियत देने के लिए हमारी सरकार ने स्टेंट के दामों में 80 से 90% तक की कमी की है। पहले जो स्टेंट 2 -2.5 लाख का मिलता था, अब वो ज़्यादा से ज़्यादा 25 हज़ार में मिलता है ,हर सफलता और समृद्धि का आधार स्वास्थ्य है और हमने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा \'आयुष्मान भारत\' योजना को लागू किया
अलवर, राजस्थान से स्वास्थ्य योजना के तहत घुटना प्रत्यारोपण की लाभार्थी लक्ष्मी देवी ने बताया कि वो बहुत परेशान थीं, डॉक्टर्स करीब 4 लाख रुपये मांग रहे थे। फिर मोदी सरकार की योजना के बारे में सुना। आज उनकी जिंदगी खुशहाल है और बहुत सस्ते में उनका इलाज हो गया।
स्वास्थ्य योजना के लाभार्थी विजय ने बताया कि डायलिसिस के लिए हर महीने 30-40 हजार रुपया ख़र्च करना पड़ता था लेकिन अब डायलिसिस योजना से इलाज एक दम फ़्री हो रहा है।