जून 2015 तक सभी स्कूलों में होंगे शौचालय
'स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय'' अभियान में मध्यप्रदेश की समस्त शाला में शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और पीएसयू (पब्लिक सेक्टर अण्डरटेकिंग) के प्रतिनिधियों की बैठक हाल में सम्पन्न हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा एस.आर. मोहंती, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र रश्मि अरुण शमी और आयुक्त लोक-शिक्षण डी.डी. अग्रवाल भी उपस्थित थे।बैठक में मुख्य सचिव द्वारा अनुमोदित शालाओं की ड्राइंग का प्रस्तुतिकरण किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि शालाओं में जहाँ शौचालय का निर्माण आवश्यक है, वहाँ सभी पीएसयू राज्य शासन द्वारा तैयार ड्राइंग एवं प्राक्कलन के आधार पर निर्माण करवायेंगे। पीएसयू प्रतिनिधियों से कहा गया कि वे अपने वरिष्ठ स्तर पर इस निर्णय की जानकारी देकर आवश्यक स्वीकृति प्राप्त करें।सभी पीएसयू अपर मिशन संचालक स्वाति मीणा के साथ समन्वय कर स्कूल परिसर में स्थल चयनित कर शौचालय का निर्माण करवा सकेंगे। अगले एक सप्ताह में स्थल-चयन का कार्य होगा। यदि कोई पीएसयू स्वयं शौचालय का निर्माण नहीं करवाना चाहेगा तो वह उसकी राशि मुख्यमंत्री स्वच्छता कोष में जमा करवा सकेगा। राज्य शासन द्वारा इस राशि से अपनी एजेंसी के माध्यम से शौचालय का निर्माण करवाया जायेगा। यदि किसी पीएसयू द्वारा शौचालय निर्माण की निविदा जारी की जा चुकी है, तो उसे पुन: संशोधित किया जा सकेगा।शौचालय का निर्माण उन्हीं स्कूल में होगा, जो शासकीय भूमि पर संचालित हैं। किराये की अथवा निजी भूमि पर संचालित स्कूल में शौचालय का निर्माण नहीं करवाया जायेगा। शौचालय निर्माण के लिये पानी की व्यवस्था स्कूल शिक्षा विभाग करेगा। शौचालय में पानी की टंकी एवं सेनेटरी फिटिंग का कार्य पीएसयू को करना होगा। शौचालय का रख-रखाव 3 साल तक संबंधित पीएसयू करेगा। जिलों की शालाओं में शौचालय की आवश्यकता की पूर्ति शत-प्रतिशत की जायेगी। शौचालयों के निर्माण को आगामी 30 जून, 2015 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। शौचालय निर्माण के संबंध में अधिकारियों और पीएसयू प्रतिनिधियों की बैठक 6 दिसम्बर को पुन: होगी।बैठक में अपर परियोजना संचालक लोक-शिक्षण सुनीता त्रिपाठी, राज्य शिक्षा केन्द्र के मुख्य अभियंता आर.के. वैद्य, पीएसयू प्रतिनिधि एसईसीएल के रेजीडेंट एक्जीक्यूटिव मनोज मिश्रा, एनएसडीसी के बी.एल. शब्बू एवं व्ही.बी. भट्ट आदि मौजूद थे।