गुजरात के एक दर्जन से अधिक जिलों में भारी वर्षा के चलते नदियां उफान पर हैं और बांध ओवरफ्लो हो रहे हैं। बाढ़ जैसे हालात पैदा होने से जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 15 टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोमवार को खुद स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
प्रदेश में मानसून अब पूरी तरह सक्रिय है। दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र व मध्य गुजरात में बीते 24 घंटे में मूसलाधार वर्षा हुई है। दक्षिण गुजरात व सौराष्ट्र में तो अब तक मानसून की 50 फीसद से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है।
राज्य की तापी, अंबिका, अश्विन, मधुवंती, कीम, तलाजी, औरंगा आदि नदियां पूरे उफान पर हैं। एक दर्जन से अधिक जिलों के सैकड़ों गांवों से संपर्क टूट गया है।
वहां पानी, बिजली आदि की सुविधाएं अस्तव्यस्त हो गई हैं। चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित करीब 130 स्टेट हाइवे को बंद करना पड़ा है।
ट्रेन भी पानी में फंसी भावनगर के गीर गढडा में सर्वाधिक 12 इंच वर्षा हुई। इस वजह से ट्रेन भी पानी में फंस गई। एनडीआरएफ व स्थानीय लोगों ने करीब 252 यात्रियों को सुरक्षित निकाला।
गीर सोमनाथ के ऊना में 10 इंच वर्षा रिकॉर्ड की गई। भावनगर की जेसर तहसील में नौ इंच और सूरत की कामरेज व नवसारी के गणदेवी में सात-सात इंच बारिश दर्ज की गई। 34 तहसीलों में एक इंच से अधिक बरसात रिकॉर्ड की गई है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोमवार को स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और हॉटलाइन पर जिला कलेक्टरों से बातकर राहत कायोर् की समीक्षा की।
रूपाणी ने कहा कि हर जिले में कंट्रोल रूम 24 घंटे कार्यरत हैं। एनडीआरएफ बचाव कार्य में जुटी है, जरूरत पड़ी तो एयरफोर्स की भी मदद ली जाएगी।
20 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गांधीनगर में दीक्षांत समारोह में आने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि आगामी 72 घंटों में भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए उनका दौरा टल सकता है।
अब तक 26 लोगों की मौत राजस्व मंत्री कौशिक पटेल ने बताया कि वर्षा जनित हादसों में अब तक 26 लोगों की मौत हुई है। प्रत्येक मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की मदद दी जाएगी।
राज्य में अब तक 126 मवेशी भी काल के गाल में समा चुके हैं। मुख्य सचिव डॉ एनके सिंह ने बताया कि अब तक दो हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया जा चुका है।
केरल में एक बार फिर मानसून पूरे वेग से बरस रहा है। लिहाजा आठ जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। रेल व सड़क यातायात पर भी असर पड़ा है। राज्य के कई निचले इलाके पानी में डूब गए हैं।
नौ जुलाई के बाद से अब तक वर्षाजनित हादसों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। रेलवे ट्रैक पर जलजमाव से सिग्नल सिस्टम ठप हो गया।
इस कारण एर्नाकुलम-तिरुअनंतपुरम रूट की कई ट्रेनों को रद कर दिया गया। राज्य में मंगलवार से शुरू होने वाली यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं 21 जुलाई तक स्थगित कर दी गईं हैं।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में भी भारी बारिश हुई है। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पंचगंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिले के अधिकांश बांध पहले ही लबालब हो चुके हैं। एक मकान की दीवार गिरने से 32 साल की एक महिला की मौत हो गई।