केरल में मौसम का जानलेवा रुख बना हुआ है। इस बीच शुक्रवार रात केरल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बाढ़ प्रभाविता इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उनके साथ राज्य के मुख्यमंत्री पी विजयन भी थे। हवाई सर्वेक्षण के बाद प्रधानमंत्री ने केंद्र की तरफ से राज्य को 500 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद का ऐलान किया है वहीं नेशनल हाईवे अथॉरिटी को सड़को की मरम्मत के निर्देश दिए हैं।
दावा है कि राज्य में 20 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। प्रदानमंत्री ने इसके अलावा बाढ़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की मदद का भी ऐलान किया है। केंद्र सरकार पहले 100 करोड़ की मदद दे चुकी है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने राज्य में आपदा प्रबंधन के व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोच्चि में बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री भी शामिल थे।
राज्य में अकेले गुरुवार को ही वर्षा जनित घटनाओं में 106 लोगों की जान चली गई। इसके साथ ही राज्य में अब तक बाढ़ और बारिश की वजह से 324 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
हालांकि, केरल के बदतर हालात को देखते हुए अन्य राज्यों के अलावा केंद्र ने मदद का हाथ बढ़ाया है। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री ने जहां बाढ़ राहत कोष के लिए 10 करोड़ की मदद का ऐलान किया है वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी 5 करोड़ की मदद का ऐलान किया है। इनके अलावा तेलंगाना ने 25 करोड़ की मदद का ऐलान किया है।
इनके अलावा बिहार के मुख्यमंत्री ने केरल को 10 करोड़ की मदद, ओडिशा के मुख्यमंत्री ने 5 करोड़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 10 करोड़ और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 2 करोड़ की मदद की है। जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि राज्य के विधायक अपनी एक महीने की तनख्वाह केरल बाढ़ राहत के लिए देंगे।
महिला व बाल विकास मंत्रालय ने 10 टन खाने के पैकेट केरल भेजे हैं। महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने यह जानकारी दी। रनवे पर भी पानी भर जाने से कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर परिचालन बंद कर दिया गया है। 25 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कुछ के समय में परिवर्तन किया गया |
दक्षिण रेलवे ने शुक्रवार को तीन विशेष ट्रेनों से प्रभावित इलाकों के लिए पेयजल भेजा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 100 मीट्रिक टन तैयार खाने के पैकेट बाढ़ प्रभावित इलाकों को भेजा है। बीमा नियामक इरडा ने सभी बीमा कंपनियों को दावों का तुरंत भुगतान करने के लिए विशेष शिविर लगाने को कहा है।
राज्य में शुक्रवार को संकट और गहरा गया, अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है और पेट्रोल पंपों में ईंधन नहीं है। सदी के भीषण संकट का सामना कर रहे राज्य में आठ अगस्त से अभी तक 173 मौतें हो चुकी हैं। हजारों एकड़ में फसलें तबाह हो चुकी हैं। राज्य के बुनियादी ढांचा को भी भारी तबाही का सामना करना पड़ रहा है।
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन से प्रवासी टीवी चैनलों के माध्यम से अपने प्रियजनों की मदद की गुहार लगा रहे हैं। एक महिला ने अपने छह साल के बच्चे के साथ वाट्सएप संदेश से मदद की गुहार लगाई है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ ही सैनिकों ने फंसे लोगों को बचाने के लिए शुक्रवार सुबह से बचाव अभियान तेज कर दिया। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण सड़क जाम हो रहे हैं। कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सेना के हेलिकॉप्टरों से निकाला जा रहा है। अलुवा, कालाडी, पेरुंबवूर, मुवाट्टुपुझा एवं चालाकुडी में फंसे लोगों को निकालने में स्थानीय मछुआरे भी अपनी-अपनी नौकाओं के साथ शामिल हुए।
प्रधानमंत्री के निर्देश पर रक्षा मंत्रालय ने राहत एवं बचाव के लिए सेना के तीनों अंगों की नई टीम भेजी है। राज्य में करीब डेढ़ लाख बेघर एवं विस्थापित लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है। एनडीआरएफ की 51 टीमें केरल भेजी गई हैं। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सेना ने 9 अगस्त से अभी तक 3627 लोगों को सुरक्षित निकाला है। केरल की स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने शुक्रवार को भी बैठक की।
टीवी चैनलों ने एक गर्भवती महिला को निकालने का दृश्य प्रसारित किया है। जिस समय नौसेना के हेलिकॉप्टर से महिला को निकाला गया उस समय प्रसव पीड़ा शुरू हो चुकी थी। महिला को गिराए गए रस्सी से हवा में झूलते हुए ले जाया गया। महिला का एमनिओटिक थैली फूट गई थी। उसे नौसेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसने बच्चे को जन्म दिया। अधिकारियों ने बताया है कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।