राज्यपाल पटेल द्वारा उज्जैन में संस्कृत विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यों का शुभारंभ
मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने उज्जैन में महर्षि पाणिनी संस्कृत वैदिक विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित महर्षि पतंजलि छात्रावास एवं संस्कृत शिक्षण-प्रशिक्षण, ज्ञान-विज्ञान संवर्द्धन-योग केन्द्र का शुभारम्भ किया। राज्यपाल ने कहा कि महर्षि पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय के बटुक एक दिन महान राजनीतिज्ञ चाणक्य बनकर राष्ट्र को नई दिशा देंगे।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि आज यहां विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षा प्राप्त करने वाले बेटे-बेटियों ने मिलकर 1111 पौधे रोपकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करवाकर विश्वविद्यालय को गौरव प्रदान किया है। यह देशवासियों के लिये एक अनुकरणीय उदाहरण है। राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ, संतुलित तथा स्वस्थ बनाये रखने की दिशा में ऐसे प्रयास निरन्तर होते रहने चाहिये।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि हमारी संस्कृति संस्कृत के बिना संभव नहीं है। इसमें मां-बेटी का सम्बन्ध है। संस्कृत मां है और उसकी बेटी संस्कृति है। राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत केवल मातृभाषा ही नहीं है, एक विचार भी है। संस्कृत एक संस्कृति है, संस्कार है, सभ्यता भी है और वह आचार संहिता भी है। विश्व का सबसे उत्कृष्ट ज्ञान और विज्ञान है। संस्कृत सबका मूल है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा कि विश्वविद्यालय में सौर ऊर्जा का प्लांट लगाया जाये। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री का कहना है कि सौर ऊर्जा क्षमता में वृद्धि का लाभ किसानों और आम लोगों तक पहुँचाना चाहिये। विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य जाँच शिविर लगाये जायें और उसमें छात्राओं के स्वास्थ्य जांच पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये।
कार्यक्रम को विधायक डॉ.मोहन यादव ने भी संबोधित किया। शुरूआत में कुलपति प्रो.रमेशचंद्र पांडा ने विश्वविद्यालय के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में राज्यपाल एवं अन्य अतिथियों ने कात्यायन शुल्बसूत्र, व्यक्तित्व का मनोविज्ञान एवं दर्शन आदि नाम की पुस्तकों का विमोचन किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की मीनाक्षी सेन को एमपीपीएससी में संस्कृत में सहायक अध्यापक का चयन होने पर सम्मानित किया। वहीं विश्वविद्यालय के एवं संबद्धता वाले महाविद्यालयों के संस्कृत में प्रथम आने पर छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने रूद्राक्ष का पौधा रोपा। अन्य अतिथियों और सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने विद्यालय परिसर और विद्यालय के समीप की पहाड़ी पर एकसाथ पौध-रोपण किया। अंत में कुलसचिव श्री मनोज कुमार तिवारी ने आभार माना।