शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और अन्य के खिलाफ आईआरसीटीसी को होटल आवंटन के मामले हुई मनी लॉन्ड्रिंग में पहली चार्जशीट दाखिल की है।
ईडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पार्टी में उनके सहयोगी पीसी गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता का नाम भी चार्जशीट में रखा है।
ईडी के मुताबिक लालू प्रसाद यादव और आईआरसीटीसी के अफसरों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पुरी और रांची में बने रेलवे के दो होटलों को सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दिया था। इन होटलों को लीज पर देने के एवज में पटना में मौजूद बेशकीमती जमीन डिलाइट मार्केटिंग कंपनी के नाम ट्रांसफर की गई, ये कंपनी लालू के करीबी पीसी गुप्ता के परिवार के नाम दर्ज थी। इस जमीन को मौजूदा सर्किल रेट से काफी कम दर पर डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को दी गई थी।
इसके बाद पीसी गुप्ता की डिलाइट मार्केटिंग ने ये जमीन राबड़ी देवी और लालू के बेटे तेजस्वी यादव के नाम कर दी। इस जमीन को खरीदने के लिए जो पैसा इस्तेमाल हुआ, वो संदिग्ध स्रोतों के जरिए आया। इस पैसे को भी ट्रांसफर करने के लिए पीसी गुप्ता की कंपनियों का इस्तेमाल किया गया।
इस केस में ईडी ने अब तक 44 करोड़ की संपत्ति सीज की है। इसी मामले में सीबीआई ने भी कुछ वक्त पहले चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई की एफआईआर में लालू प्रसाद यादव पर ये आरोप है कि यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री रहते उन्होंने आईआरसीटीसी के होटलों के मेंटेनेंस का ठेका जिस कंपनी को दिया था, उससे उन्होंने घूस में पटना की बेशकीमती जमीन ली थी। ये जमीन पीसी गुप्ता की पत्नी सरला के नाम दर्ज एक बेनामी कंपनी के जरिए लालू के परिवार को मिली थी।