देशभर में एट्रोसिटी एक्ट को लेकर हंगामा मचा हुआ है। राजनेताओं का घेराव किया जा रहा है। इस एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग का एक ताजा मामला शहर में सामने आया है। जहां पीड़ित ने आरोपितों पर एससी-एसटी एक्ट की धाराएं बढ़ाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण कोर्ट के सामने प्रस्तुत कर दिया। जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के बाद कोर्ट के निर्देश पर एमपीनगर पुलिस ने फरियादी को अब आरोपित बनाते हुए उसके खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है।
अर्चना गैस एजेंसी के पास शक्ति नगर छोला निवासी 20 वर्षीय सोनू अहिरवार ने जून 2017 को छोला पुलिस में अशोक उर्फ नक्का, सोनू सिंह भदौरिया व अजय अहिरवार के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था कि इन्हों उसपर जानलेवा हमला किया है। इस दौरान सोनू ने अपने को अनुसूचित जाति का बताया। पुलिस ने उसकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली थी। छोला पुलिस सोनू से उसका जाति प्रमाण पत्र जांच के दौरान काफी दिनों तक मांगती रही थी, लेकिन वह प्रस्तुत नहीं कर सका। शंका होने पर छोला पुलिस ने मामले में एससी-एसटी की धाराएं एसपी नार्थ से विचार विमर्श के बाद हटा लीं ।
पुलिस ने कोर्ट में इस मामले का चालान पेश किया तो कोर्ट ने एससीएसटी का प्रमाण पत्र मांगा, जिस पर पीड़ित सोनू अहिरवार ने जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर दिया था। कोर्ट ने यह प्रमाण पत्र छोला पुलिस को देकर इस जांच करवाई। छोला पुलिस ने संबंधित एसडीएम से इस प्रमाण पत्र की जानकारी मांगी तो वह फर्जी पाया गया। इसकी जानकारी पुलिस ने कोर्ट को दी।