तेलंगाना सरकार ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सदन भंग करने की सिफारिश करने का फैसला लिया गया। इसके तुरंत बाद राव राजभवन गए और प्रस्ताव राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन को सौंप दिया। राज्यपाल ने सिफारिश मंजूर कर ली और केसीआर को कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा।
इस बीच राज्य में सियासी उबाल आ गया है और सभी दल अचानक चुनावी रंग में नजर आने लगे हैं। केसीआर के इस्तीफे के साथ ही बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। खुद चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला किया है। केसीआर के इस बयान का कांग्रेस ने विरोध करते हुए उन्हें भाजपा के हाथों की कठपुतली तक करार दे दिया।
खबरों के अनुसार केसीआर ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा कि राहुल गांधी देश के \"सबसे बड़े मसखरे\" हैं, वह जितना तेलंगाना आएंगे टीआरएस उतनी ज्यादा सीटें जीतेगी।
उन्होंने कहा, \"सब जानते हैं कि राहुल गांधी क्या हैं। वह देश के सबसे बड़े मसखरे हैं। पूरे देश ने देखा कि वह कैसे नरेंद्र मोदी के पास गए और उन्हें गले लगाया और किस तरह वह आंख मार रहे थे। वह जितना तेलंगाना आएंगे हम उतनी ज्यादा सीटें जीतेंगे।\"
कांग्रेस ने टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव को भाजपा के हाथों की कठपुतली कहा है। पार्टी ने उनपर तेलंगाना के हितों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है। राज्य विधानसभा भंग करने की सिफारिश के बाद कांगे्रस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राव ने यह कदम उठाकर जनादेश का अपमान किया है।
भाजपा ने कहा कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टीआरएस की सबसे बड़ी चुनौती वही होगी। इसका कारण यह है कि कांगे्रस विभाजित पार्टी है। केवल भाजपा के पास ही सकारात्मक एजेंडा है। यही पार्टी विजेता बनेगी।