खतरनाक गुफा के अंदर से लाते हैं पीने का पानी
खतरनाक गुफा के अंदर से लाते हैं पीने का पानी
12 फीट गहरे गुफा से ऐसे निकालते हैं पानीगर्मी की वजह से तेजी से गिरते भू-जल स्तर के बाद मध्य प्रदेश में जलसंकट गहराता जा रहा है। एमपी के दमोह जिले में सगरा के वनांचल में बसे आदिवासी गांव में 60 परिवार रहता है। प्रशासन ने इस गांव में केवल एक ही हैंडपंप लगवाया था, वह भी जल स्तर गिरने से सूख गया है। ऐसे में गांव के लोग रोजाना जान जोखिम में डालकर एक गहरी गुफा के अंदर से पानी लाते हैं। सिर्फ दमोह ही नहीं राज्य के दूसरे इलाकों में भी पेयजल की दिक्कतें सामने आने लगी हैं। पानी लाने के लिए कैसे खतरे उठा रहे हैं गांव वाले। सागर के वनांचल में गांव वाले बताते हैं कि हैंडपंप सूखने के बाद उनको पानी के लिए गहरी गुफा के अंदर जाना पड़ता है।गुफा के अंदर हमेशा ही अंधेरा बना रहता है। गुफा इतनी सकरी है कि एक बार में केवल एक व्यक्ति ही अंदर जा पाता है, जब वह पानी भरकर बाहर आ जाता है, तो दूसरा व्यक्ति पानी भरने जाता है।गांव में बस्ती के पास पहाड़ी पर बनी गुफा 12 फाट गहरी है। गांव के लोगों ने बताया गुफा में पानी कभी खत्म नहीं होता।गुफा में 10 फीट तक पानी हमेशा बना रहता है। गुफा में उतरना खतरनाक भी है, पैर फिसलने पर बड़ा हादसा हो सकता है।अप्रैल में ही 44 डिग्री तक जा सकता है पारा, संकट और बढ़ेगा। मध्य प्रदेश में मौसम के तेवर इस बार कुछ ज्यादा ही तीखे रहेंगे। धूप की तपन भी ज्यादा ही कहर बरपाएगी।इस बार अप्रैल में ही पारा 44 डिग्री तक जाने के आसार हैं। भोपाल में अप्रैल में गर्मी का पिछले 20 साल का रिकार्ड टूट सकता है।ज्यादा तपन का असर, जमीन के अंदर पानी के सोर्स पर भी पड़ रहा है।सूर्योदय का समय कम हो गया सूर्यास्त का समय बढ़ गया। इस वजह से सूरज की तपन धरती पर ज्यादा देर तक रहेगी। इन दिनों सूर्योदय सुबह 6 बजे के पहले और सूर्यास्त शाम 6.30 बजे के बाद ही हो रहा है।नमी कम है, इस वजह से तपिश ज्यादा है। सोमवार शाम को नमी 19% रही, जबकि यह 25 होनी चाहिए।राजस्थान से तेज गति से गर्म हवा आ रही है। इस कारण तापमान बढ़ा है।