इंजीनियर दिवस पर उत्कृष्ट इंजीनियर हुए सम्मानित
एमपी की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि भारत की भूमि इंजीनियरिंग की प्रयोगशाला रही है। भारत में कई ऐसे इंजीनियर हुए, जिन्होंने अकल्पनीय को कल्पनीय बनाया और इंजीनियरिंग के दुनिया में चमत्कार कहे जाने वाले उदाहरण प्रस्तुत किये। देश के इंजीनियर पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। राज्यपाल ने यह बात यहां इंजीनियर दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले इंजीनियरों को शाल, श्रीफल और स्मृति चिंह भेंट कर सम्मानित किया। समारोह का आयोजन मध्यप्रदेश यांत्रिकी सेवा संघ द्वारा किया गया।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि देश के विकास और नागरिकों की समृद्धि में इंजीनियरों की भूमिका संरक्षक की तरह है। देश को ईमानदार, कर्मठ और समय के प्रति वचनबद्ध इंजीनियरों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा किइंजीनियर आधुनिक तकनीक का उपयोग कर निर्माण को गुणवत्तापूर्ण बनाने का प्रयास करें।युवा इंजीनियर देश के निर्माण में ईमानदारी और समय के प्रति वचनबद्ध होकर कार्य करें।राज्यपाल ने कहा किहमारे देश में सदियों पहले बनी कई इमारतें उत्कृष्ट इंजीनियरिंग कौशलता का प्रमाण है। लालकिला, ताजमहल, कई राजाओं के महल, नदियों पर बने घाट आज भी मौजूद है।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि भारत में उत्कृष्ट नौकरी के अवसर देने में इंजीनियरिंग का क्षेत्र बहुत विकसित है। जब बात इंजीनियरिंग की सर्वश्रेष्ठ शाखाअथवा सबसे अधिक वेतन वाली शाखाओं के चयन की आती है, तो छात्र अक्सर भ्रमित हो जाते हैं। वर्तमान में इंजीनियरिंग की सही शाखा का चुनाव करना बहुत मुश्किल है। इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में कम्प्यूटर साइंस/आईटी इंजीनियरिंग पिछले दशक में भारतीय अर्थ-व्यवस्था की मुख्य आधार के रूप में उभरी है। श्रीमती पटेल ने कहा कि आधुनिकता और इंजीनियरिंग के बढ़ते प्रभाव से हमें मानवता को नहीं भूलना चाहिए। पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए इंजीनियरों को स्वयं विचार करना चाहिए।
सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से विकसित राज्य बनाने में इंजीनियरों का महत्वपूर्ण योगदान है। समाज और देश के विकास में इंजीनियरों की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है। मध्यप्रदेश यांत्रिकी सेवा संघ के अध्यक्ष श्री अखिलेष उपाध्याय ने अतिथियों का स्वागत किया।