36वीं वार्षिक राष्ट्रीय पुलिस प्रशिक्षण संगोष्ठी का समापन समारोह सम्पन्न
एमपी की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने वार्षिक राष्ट्रीय पुलिस प्रशिक्षण के मौके पर संगोष्ठी के समापन समारोह में कहा कि आम जनता का जो विश्वास पुलिस पर है, उस छवि को बरकरार रखने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब पुलिस पर चुनौतियों का सामना करने का अवसर आता है, तो वह किसी बात की परवाह किये बगैर अपने दायित्व का निर्वाह करती है। राज्यपाल ने पुलिस अधिकारियों से मृदुभाषी, जनोन्मुखी, भरोसेमंद तथा व्यावसायिक बनने का संकल्प लेने के लिये कहा।
राज्यपाल ने कहा कि िडजिटल टेक्नोलॉजी ने फोरेंसिक साइंस को नई ताकत दी है। पहले तो सारी टेस्टिंग, इन्वेस्टीगेशन आदि फिजिकली ही करना पड़ते थे। डिजिटल टेक्नोलॉजी ने इन कार्यों को आसान कर दिया है। इससे युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम देश के नागरिकों की प्राइवेसी के लिए तो चुनौती है। यह नेशनल सिक्योरिटी की दृष्टि से भारत सहित पूरी दुनिया के लिए भी बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि पुलिस आधिकारियों का कर्तव्य है कि वे अपराधियों के खिलाफ ऐसे ठोस सबूत इकट्ठा कर पेश करें, जिससे अदालत को जल्द फैसला लेने का मजबूत आधार उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि पुलिस सखी योजना महिलाओं पर हो रहे अपराधों को रोकने के लिए बहुत लाभदायक है। इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए।
पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी.महेश्वरी ने कहा कि पुलिस को जनता के साथ अच्छा व्यवहार रखना चाहिए ताकि जनता से उनकी नजदीकी संबंध स्थापित रहें। उन्होंने कहा कि देश में होने वाले भौगोलिक, सामाजिक परिवर्तनों के कारण पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में विदेशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी निरंतर वृद्धि हो रही है इसलिए पर्यटकों की सुरक्षा का उचित प्रबंध करना भी पुलिस का दायित्व है, ताकि देश की विश्व में छवि खराब न हो।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी.महेश्वरी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री मलय श्रीवास्तव, डायरेक्टर सीएपीटी श्री पवन श्रीवास्तव, डायरेक्टर डीआरएनडीडी र्डॉ अनुपमा चन्द्रा उपस्थित थे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।