स्टांप शुल्क की रजिस्ट्री जारी करने के लिए मांग रहे थे रिश्वत
भोपाल के आईएसबीटी स्थित रजिस्ट्रार ऑफिस में पदस्थ सब रजिस्ट्रार अशोक शर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते दबोचा। एक ई-सर्विस प्रोवाइडर से ये रिश्वत तीन करोड़ पांच लाख रुपए के जमा स्टांप शुल्क की रजिस्ट्री जारी करने के लिए मांगी जा रही थी। सब रजिस्ट्रार ने कुल जमा स्टांप शुल्क पर .2 फीसदी कमीशन मांगा था।
पंजाबी बाग निवासी राजेश दुबे ई-सर्विस प्रोवाइडर हैं। उन्होंने रजिस्ट्री के लिए तीन करोड़ पांच लाख रुपए स्टांप शुल्क ऑनलाइन जमा कर दिया था। राजेश के मुताबिक रजिस्ट्री लेने की बारी आई तो शर्मा अपना कमीशन मांगने लगे। बोले कि इतने स्टांप शुल्क पर .2 फीसदी कमीशन दे दो, जो 61 हजार रुपए होता है। परेशान होने के बाद राजेश ने दोबारा बात की तो अशोक बोले कि चलो 61 नहीं तो 50 हजार ही दे देना। इस पर राजेश ने 30 हजार रुपए की बात की तो अशोक ने कहा कि 40 हजार रुपए पर फाइनल करते हैं। इस बीच 25 सितंबर को राजेश ने लोकायुक्त पुलिस से इसकी शिकायत कर दी।
बाबुओं ने फैला दिया कि हमला हो गया: टीआई सलिल शर्मा ने बताया कि रिकॉर्डिंग में 40 हजार रुपए रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हो गई थी। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे राजेश को अशोक शर्मा ऑफिस भेजा गया। अशोक ने रिश्वत की रकम लेकर अपने ड्रॉज में रख ली। राजेश का इशारा मिलते ही योजना के तहत वहां पहले से मौजूद लोकायुक्त की टीम ने अशोक को ट्रैप कर लिया।
कार्रवाई शुरू होते ही रजिस्ट्रार ऑफिस के बाबुओं ने फैला दिया कि सब रजिस्ट्रार पर किसी ने हमला कर दिया है। वहां के कर्मचारियों के साथ-साथ रजिस्ट्री कराने आए लोग भी दहशत में आ गए। अफसरों को लोकायुक्त पुलिस ने जैसे ही ट्रैप कार्रवाई की जानकारी दी, सभी अपने-अपने स्थान पर चले गए।
टीम ने अशोक के ड्रॉज से रिश्वत में लिए गए 40 हजार रुपए जब्त कर लिए। सूत्रों के मुताबिक कार्रवाई के दौरान सब रजिस्ट्रार ने टीम से कहा कि हम भी पुलिस परिवार से जुड़े हैं। बताया जा रहा है कि उनके बड़े भाई अनिल शर्मा इंदौर देहात के डीआईजी हैं। अशोक वर्ष 1995 में एमपी पीएससी के जरिए सब रजिस्ट्रार बने और उनकी पहली पोस्टिंग ग्वालियर में हुई।