डीजल-पेट्रोल के दाम में फिर लगी आग
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देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का दौर जारी है। शनिवार को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 22 पैसे और डीजल 21 पैसे महंगा हो गया। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 83.40 रुपए रही, वहीं डीजल 74.63 लीटर पर बेचा जा रहा है। मुंबई में पेट्रोल 90.75 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है। डीजल 79.23 प्रति लीटर है।

मालूम हो, तेल की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। गुरुवार को 13 पैसे की बढ़ोतरी के बाद शुक्रवार को फिर से तेल के दामों में बढ़ोतरी दर्ज हुई थी।

वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया के स्थिति के आधार पर ही सरकारी तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं। आईओसी, भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल) देश की तीन प्रमुख सरकारी तेल विपणन कंपनियां हैं।

गौरतलब है कि भारत अपनी जरूरत के कच्चे तेल का 80 फीसद हिस्सा आयात करता है। भारत के आयात बिल में पेट्रोल और डीजल की एक बड़ी हिस्सेदारी होती है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में आधा हिस्सा केंद्र और राज्य सरकारों के स्तर पर लगने वाले टैक्स का है। कंपनियों के मुताबिक रिफाइनरी पर पेट्रोल की लागत करीब 40.50 रुपये और डीजल की कीमत करीब 43 रुपये प्रति लीटर पड़ती है। केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर क्रमश: 19.48 रुपये और 15.33 रुपये उत्पाद शुल्क वसूलती है। इसके ऊपर राज्य सरकारें इन पर मूल्यवर्धित कर (वैट) लगाती हैं।

वैट की दरें विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हैं। अंडमान एवं निकोबार में दोनों ईंधनों पर सबसे कम छह फीसद की दर से टैक्स वसूला जाता है। वहीं पेट्रोल पर मुंबई में सर्वाधिक 39.12 फीसद और डीजल पर तेलंगाना में सर्वाधिक 26 फीसद वैट लगता है। दिल्ली में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें क्रमश: 27 फीसद और 17.24 फीसद हैं।