इन्वेस्टर्स समिट के करारनामों पर तेजी से अमल
105 लघु , सूक्ष्म और मध्यम उद्योग के लिए जमीन आवंटित इन्दौर में अक्टूबर के अंत में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के करारनामों पर तेजी से अमल शुरू हो गया है। अभी तक 105 लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों के लिए जमीन दी जा चुकी है। समिट में लघु,सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों के लिए कुल 113 करारनामों को अंतिम रूप दिया गया था। शेष आठ उद्योग को औद्योगिक क्षेत्रों में 15 दिन के भीतर जमीन आवंटन के निर्देश दिये गये हैं। इन उद्योगों में 6 अरब 67 करोड़ 86 लाख रुपये का निवेश होगा और 6,717 लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा।उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग के करारनामों पर अमल की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिया कि उद्योग विभाग की जिस आवंटित भूमि का उपयोग नहीं किया गया है उसकी जिला और एकेवीएन स्तर पर मास्टर प्लानिंग की जाए। यह देखा जाए कि इसका क्या उपयोग हो सकता है और कितनी भूमि उद्योगों को दी जा सकती है। यह कार्य एक माह में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में ऐसी भूमि का कब्जा वापस लेकर उसे नये उद्यमियों को आवंटित किया जाए। यह कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता पर कर एक माह में कार्यवाही प्रतिवेदन दिया जाए।उद्योग मंत्री ने निर्देश दिया है कि नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए केबिनेट द्वारा चयनित स्थलों और अन्य नये स्थानों पर, जहाँ भूमि उपलब्ध है और भूमि की माँग है, प्राथमिकता के आधार पर योजना बनाकर औद्योगिक क्षेत्रों का विकास शुरू किया जाए। साथ ही, स्वीकृत औद्योगिक अधोसंरचना उन्नयन के लिए सभी प्रस्तावों पर इसी वर्ष से काम शुरू किया जाए। नये औद्योगिक क्षेत्रों के विकास तथा विद्यमान औद्योगिक क्षेत्रों के उन्नयन का कार्य जनवरी में शुरू करने का उन्होंने निर्देश दिया।इन्दौर समिट में जिन 113 सूक्ष्म और लघु उद्योग के लिए करार हुए हैं, इनमें से 14-14 उद्योग जबलपुर और ग्वालियर परिक्षेत्र, 13 उज्जैन, 10 भोपाल, 50 इंदौर, 9 रीवा और 3 सागर परिक्षेत्र में लगेंगे।बैठक में बताया गया कि यह सभी सूक्ष्म और लघु उद्योग अप्रैल-मई 2013 तक स्थापित होना शुरू हो जायेंगे। मार्च 2014 तक अधिकांश इकाइयों के स्थापित हो जाने की संभावना है।बैठक में अपर मुख्य सचिव उद्योग श्री पी.के. दाश, उद्योग आयुक्त बी.के. चतुर्वेदी, मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक, जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधक, परिक्षेत्रीय उद्योग संचालक तथा सभी एकेवीएन के प्रबंध संचालक उपस्थित थे।