उत्तर प्रदेश में गरीब सवर्णों को मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण
aditynath

 

गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का विधेयक तो मंजूर हो चुका है, लेकिन ये राज्य सरकारों पर निर्भर है कि वे इसे अपने राज्यों में किस तरह से लागू करती हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश में इस विधेयक के लागू होने का रास्ता पूरी तरह से अब साफ हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में गरीब सवर्ण को दस फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। लोक भवन में केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव पर आज योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश में भी लागू करने को हरी झंडी प्रदान कर दी है। यूपी में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 14 जनवरी से 10 फीसदी गरीब सवर्ण आरक्षण लागू होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में 14 महत्वपूर्ण फ़ैसले किए गए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई। इस बैठकमें कई महत्वपूर्ण निर्णयों को भी मंजूरी दी गई। इसमें गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने के प्रस्ताव पर मुहर लगी। इसके साथ एक जिला एक उत्पाद योजना, आबकारी विभाग, सहित 14 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया।

बैठक में तय किया गया कि मंत्रियों को एक करोड़ रूपये तक की परियोजना संस्तुत करने के लिए कैबिनेट के अनुमोदन की ज़रूरत नहीं होगी। सवर्णों के लिए आरक्षण लागू करने वाला उत्तर प्रदेश चौथा राज्य बन गया है।समाज कल्याण विभाग ने सरकारी नौकरियों व सभी तरह की शिक्षण संस्थाओं (अल्पसंख्यक छोड़कर) में प्रवेश में गरीबों को आरक्षण देने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है।इसके लिए अध्यादेश के मसौदे को भी मंजूरी दी जाएगी। इसके तहत गरीब सवर्णों को शिक्षा व नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने केंद्र सरकार और गुजरात सरकार के आरक्षण फार्मूले का अध्ययन किया है। अध्ययन के बाद तय किया है कि केंद्र सरकार के आरक्षण फार्मूले को यहां लागू करने के लिए अध्यादेश लाया जाए। केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले के बाद गुजरात, झारखंड और उत्तराखंड सरकार ने भी अपने-अपने राज्य में लागू कर दिया। केंद्र सरकार के फैसले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्वीकृति की मुहर लगा चुके हैं। उसके सरकार ने गजट नोटिफिकेशन भी कर दिया। केंद्र सरकार के संस्थानों में शिक्षा व नौकरियों में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।