राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा है कि भारतीय समाज की ताकत सशक्त नारी ही है। वह मजबूत समाज की आधार शिला है। मानव कल्याण की भावना, कर्त्तव्य, सृजनशीलता और ममता को सर्वोपरि मानते हुए भारतीय महिलाओं ने माँ के रूप में अपनी सर्वोपरि भूमिका निभायी। राष्ट्र निर्माण और विकास के लिये विशेष दायित्व का निर्वहन रामायण-महाभारत काल से अब तक किया है।
राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल, जबलपुर के होम साइंस कॉलेज के प्रेक्षागृह में आयोजित सशक्त महिला-समर्थ भारत कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। राज्यपाल ने कहा कि माता, पत्नी, बहन, बेटी सभी भूमिकाओं में संस्कृति, संस्कार और परम्पराओं के संरक्षण और संवर्धन की जिम्मेदारी महिलाओं की है। वह सामाजिक, शैक्षणिक और धार्मिक क्षेत्रों में भी सक्रिय भूमिका निभाती हैं । भावी पीढ़ी के निर्माण में महिलाओं की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है। समर्थ भारत के लिये सशक्त महिला की भागीदारी को सुनिश्चित करने और प्रोत्साहित करने के लिये सरकार उनके आर्थिक स्वावलम्बन, स्वास्थ्य, शैक्षणिक प्रगति, रो
राज्यपाल ने कहा कि महिलाएं तभी सशक्त होंगी जब हर परिवार में बेटियों के स्वास्थ्य और उनकी अच्छी शिक्षा तथा स्वावलम्बन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा । उन्हें अच्छी शिक्षा के अवसर दिए जाएं। पौष्टिक भोजन मिले तथा समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।
राज्यपाल ने बाल विवाह, अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र, अशिक्षा आदि कुरीतियों से दूर रहने तथा समाज में जागरूकता के लिए कार्य करने का आव्हान महिलाओं से किया। उन्होंने कहा कि एक नारी यदि एक अच्छी मां बनती है तो वह समाज और देश को सबकुछ दे देती है।
राज्यपाल ने आयुष्मान योजना की महिला हितग्राहियों को गोल्डन कार्ड वितरित किए। स्मारिका का विमोचन किया। चिकित्सा एवं समाज कल्याण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने के लिए आयोजक संस्था द्वारा प्रदत्त सेवा रत्न अंलकार सम्मान से नेत्र रोग चिकित्सक डॉ. पवन स्थापक को अंतकृत किया।
राज्यपाल ने अमरकंटक प्रवास के दौरान बच्चों को साहित्य-पुस्तकें देने के लिए कहा था। उन्होंने पुस्तकें मंगाकर आज विजय आनंद मरावी को सौंपकर बच्चों में वितरित करने के लिए कहा।
कार्यक्रम में स्वामी श्यामदेवाचार्य, सुश्री रेखा दीदी, डॉ राजकुमार आचार्य ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर महापौर डॉ स्वाति सदानंद गोडबोले, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति एवं गणमान्य नागरिक एवं महिलाएं मौजूद थीं।