भोपाल। मध्यप्रदेश में राइट टू वाटर योजना लागू की जाएगी। इसके तहत राज्य के हर नागरिक को पानी मुहैया करवाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को नगरीय विकास एवं आवास विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए हैं। राइट टू वाटर में हर नागरिक को पानी का अधिकार होगा।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को राइट टू वाटर एक्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत मध्य प्रदेश के लोगों को मिनिमम पेयजल की उपलब्धता का अधिकार दिया जाएगा । एक्ट को मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा । उसके बाद यह लागू होगा। एक्ट में अधिकार देने को लेकर किस तरह के प्रावधान होंगे यह नगरीय विकास विभाग अभी तय करेगा।
संभावना है कि इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के हर नागरिक को प्रति व्यक्ति 55 लीटर पानी का अधिकार दिया जाएगा अर्थात प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 55 लीटर पानी अवश्य मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के अधिकांश हिस्से भीषण पेजयल संकट से जूझ रहे हैं। खासकर ग्रामीण अंचलों में लोगों को पानी जुटाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं शहरी क्षेत्रों में भी पानी का परिवहन किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि सरकार पूरे प्रदेश में पानी के एटीएम भी लगा सकती है। ये बैंक एटीएम की तर्ज पर होंगे। जिस तरह अभी पैसे निकालने के लिए जगह-जगह बैंक एटीएम लगे हैं, ठीक उसी तरह ये पानी के एटीएम होंगे। एटीएम में पानी स्टोर करने की व्यवस्था नहीं होगी। ये उस जगह लगाए जाएंगे जहां पास में पानी की पाइप लाइन या फिर पानी का कोई स्रोत हो। इसकी शुरुआत उन इलाकों से होगी जहां पानी की बेहद दिक्कत है।
राज्य के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे के अनुसार राज्य सरकार के पानी का अधिकार कानून के अंतर्गत पूरे साल एक परिवार को आवश्यकता के अनुसार पानी की उपलब्धता रहेगी। राज्य सरकार की मंशा है कि हर घर तक नल का पानी पहुंचे। इसके लिए नल-जल योजना भी बनाई जाएगी ।उल्लेखनीय है कि देश के नागरिकों को पानी की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के मामले में मध्यप्रदेश 17वें स्थान पर है।