मानसून के लिए अभी और इंतज़ार करना पड़ेगा । 4 जून तक मानसून केरल में दस्त देने वाला मानसून अब 7 जून तक केरल में दस्तक दे सकता है।
वेदर फोरकास्टे एजेंसी स्काेयमेट के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए इंतजार बढ़ गया है। मानसून की सुस्त चाल को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा हैं की देश को मानसून का और इंतजार करना होगा |
\'स्काईमेट वेदर\' के मुताबिक पिछले 65 सालो में देश में दूसरी बार मानसून परइ मानसून कमजोर पड़ा हैं | स्काईमेट के अनुसार, मौसम विभाग की सभी चार डिवीजनों उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य भारत, पूर्व-पूर्वोत्तर भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप में क्रमशः 30, 18, 14 और 47 फीसद कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
स्काईमेट के मुताबिक, केरल में एक जून को दस्तक देने वाले दक्षिण-पश्चिम मानसून के 3-4 दिन देर से आने की संभावना थी, लेकिन अब इसके सात जून तक आने की संभावना है।
देश में इस साल मानसून के औसत रहने के संभावना जताई गई हैं। हालांकि इससे एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के कृषि उत्पादन और आर्थिक विकास दर पर इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।
भारतीय मौसम विभाग ने कहा था कि मानसूनी वर्षा का लंबी अवधि का औसत (एलपीए) 96 फीसद रहने की उम्मीद है। सरकारी मौसम विभाग का कहना है कि मानसून सामान्य या औसत रहेगा जोकि 96 फीसद और 104 फीसद है।
जून से सितंबर की अवधि में दीर्घावधि औसत 887 मिलीमीटर वर्षा में पांच फीसद कम-ज्यादा का आंशिक फेरबदल हो सकता है। हांलाकि कई स्थानों पर बारिश का असमान वितरण होता है। लगभग प्रतिवर्ष असम, बिहार, आदि क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो जाती है। ऐसे में बाढ़ को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग की सक्रियता बढ़ने की उम्मीद है।