बस्तर संभाग के कमिश्नर श्री अमृत कुमार खलखो ने जैपनीज इनफ्लाईटीस की रोकथाम के लिए सुअर और बत्तख पालन क्षेत्रों में मच्छर नाशक दवा और फाॅगिंग मशीन से धुआं कराने के निर्देश संभाग के कलेक्टरों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि जैपनीज इनफ्लाईटीस सुअर और बत्तख के संक्रमित होता है। इसलिए ऐसे क्षेत्रों में दवा और धुआं कराया जाए।
संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ. आर.एन. पाण्डेय ने बताया कि जैपनीज इनफ्लाईटीस सुअर और बत्तख से फैलता है। यह बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के माध्यम से फैलता है। क्यूलेक्स मच्छर सुअर और बत्तख को काटने के बाद मनुष्य को काटता है तो जैपनीज इनफ्लाईटीस का संक्रमण होता है। उन्होंने बताया कि 12 साल तक के बच्चों में इस वायरस के संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसलिए बच्चों को सुअर और बत्तखों से दूर रखा जाए। इस वायरस से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग किया जाना चाहिए। डाॅ. पाण्डेय ने बताया कि जैपनीज इनफ्लाईटीस बस्तर में इससे पहले भी देखा गया है। सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है।
प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य शिविर
जैपनीज इनफ्लाईटीस के संक्रमण की सूचना मिलते ही कलेक्टर के निर्देश…20 जून से ग्राम चोलनार के घोड़ेमुण्डापारा और उड़ियापाल के दामागुड़ा में निरंतर स्वास्थ्य कैम्प लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा हैं। गांव के सभी घरों के व्यक्तियों की जांच की गई। किसी भी व्यक्ति में बुखार के कोई लक्षण नहीं पाया गया। घोड़ेमुण्डापारा और दामागुड़ा के सभी घरों में क्यूलेक्स मच्छर मारने के लिए दवा का छिड़काव कराया गया है। ग्राम चोलनार के बाकी घरों और आसपास के गांवों में भी दवा का छिड़काव करने करने के निर्देश दिए गए हैं।
कमिश्नर और कलेक्टर ने किया चोलनार और उड़ियापाल का दौरा
कमिश्नर श्री अमृत कुमार खलखो और कलेक्टर डाॅ. अय्याज तम्बोली ने कल ग्राम चोलनार घोड़ेमुण्डापारा और ग्राम उड़ियापाल दामागुड़ा का भ्रमण कर हालातों का जायजा लिया। कलेक्टर ने इन गांवों में लगातार शिविर लगाकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर नजर रखने के निर्देश दिए। आज शनिवार को डाॅ. खेमराज सोनवानी के नेतृत्व में आए डाॅक्टरों के दल ने भी इन गांवों का दौरा किया।