असम में राष्ट्रीय नागरिक रेजिस्टर (NRC) के मसौदे से 1 लाख से अधिक लोगों को बाहर कर दिया गया है। इन्हें NRC की मसौदा सूची से अलग करने का कारण भारतीय नागरिकता के लिए अयोग्य पाया जाना बताया गया है। पिछले साल 30 जुलाई को NRC की जारी सूची से बाहर रह गए 40 लाख लोगों के नामों के साथ ही अब यह नाम भी जुड़ गए हैं। NRC के राज्य संयोजक के बुधवार को जारी बयान के अनुसार \'लोकल रेजिस्ट्रार ऑफ सिटिजन रेजिस्ट्रेशन\' (LRCR) की NRC की पड़ताल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद NRC की सूची में शामिल 1,02,462 लोगों को अवैध करार दे दिया गया। चूंकि उनकी दी गई जानकारियां सही नहीं पाई गई थीं।
अब NRC से बाहर किए जाने वाले अतिरिक्त लोगों की सूची में वह लोग शामिल हैं जिन्हें विदेशी पाए जाने पर अयोग्य घोषित किया गया है। या फिर उन्हें संदिग्ध मतदाता पाया गया है। इसके अलावा, विदेशी ट्रिब्यूनलों में लंबित मामलों (पीएफटी) वाले लोगों को भी NRC की मसौदा सूची से निकाल दिया गया है। यानी यह सभी भारतीय नागरिक होने के लिए अयोग्य पाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि सन् 1951 के बाद से पहली बार असम में अवैध आव्रजकों की पहचान की जा रही है। राष्ट्रीय नागरिक रेजिस्टर (NRC) को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अपडेट किया जा रहा है।इसकी अंतिम सूची आगामी 31 जुलाई को जारी की जाएगी। जिन लोगों को इस सूची से बाहर किया गया है उनका ब्योरा NRC की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया गया है। उन्हें पत्र भेजकर भी सूचित किया जाएगा। इसके अलावा NRC से बहिष्कृत लोगों की जानकारी NRC सेवा केंद्रों (एनएसके), उपायुक्तों के दफ्तरों, उप मंडलीय अधिकारी (सिविल) और सर्किल अफसरों को भी उपलब्ध कराई गई है। जिन लोगों को NRC की सूची से बाहर किया गया है, वह अपना दावा कर सकते हैं। इसके लिए सुनवाई आगामी पांच जुलाई से शुरू होगी।
जिन लोगों को अयोग्य पाया गया है, वह अपने दावों और आपत्तियों के निस्तारण की सुनवाई के दौरान बतौर गवाह पेश होंगे। NRC की मसौदा सूची से बाहर किए गए लोगों के नामों में उन बहिष्कृत लोगों के दावों के नतीजे नहीं हैं, जिनके लिए 15 फरवरी से 26 जून तक सुनवाई की गई है। गौरतलब है कि करीब 3.29 करोड़ लोगों ने NRC में अपने नाम शामिल कराने के लिए आवेदन किया था। इनमें से 2.9 करोड़ लोगों को NRC के योग्य पाया गया है।