आँखों में आँसू मत आने दो- मैं हूँ ना
आँखों में आँसू मत आने दो- मैं हूँ ना
मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों को बँधाया ढाँढस मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान नीमच जिले के ग्राम दारू में किसान कंवरलाल की ओला वृष्टि से नष्ट हुई ईसबगोल की फसल देखने पहुँचे, तो मुख्यमंत्री जी को अपनी पीड़ा बताते हुए उसकी आँखों मे आँसू आ गए। मुख्यमंत्री चौहान ने किसान को गले लगाकर उसके आँसू पोंछते हुए कहा कि अपनी आँखों में आँसू आने मत दो-मैं हूँ ना।मुख्यमंत्री ने कंवरलाल के खेत में इसबगोल की फसल को ओला वृष्टि से हुए नुकसान के बारे में अधिकारियों से चर्चा की। मुख्यमंत्री चौहान ने ग्राम दारू में महिला किसान प्रेमबाई पाटीदार, डालूराम तेली के खेत में जाकर ईसबगोल की फसलों को ओला वृष्टि से हुए नुकसान का अवलोकन किया। उन्होंने किसानों से चर्चा कर सरकार की ओर से हर-संभव मदद का विश्वास दिलाया।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ओला वृष्टि से नष्ट हुई फसलों के सर्वे कार्य में गड़बड़ी पर रोक के लिये गाँव के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को भी जोड़ा जायेगा। श्री चौहान मुरैना जिले के ग्राम पूंछरी में किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। राजस्व मंत्री रामपाल सिंह, सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य और सांसद अनूप मिश्रा उनके साथ थे।मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं कि वे स्वयं सर्वे के कार्य पर निगरानी रखें। उन्होंने कहा कि जिस गाँव में सर्वे होगा उस गाँव के पाँच व्यक्ति को शामिल किया जायेगा, जो सर्वे दल की मदद करेंगे। इसके बाद ग्राम पंचायत में चस्पा की गई सर्वे सूची पर आने वाली आपत्ति का निराकरण भी सर्वे दल में शामिल सामाजिक लोग मिलकर करेंगे।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों की मुसीबत की इस घड़ी में सर्वोच्च प्राथमिकता उनकी समस्या का समाधान है। उन्होंने पीड़ित किसानों को दी जाने वाली राहत का जिक्र करते हुए कहा कि प्रति हेक्टेयर 15 हजार रुपये का मुआवजा दिया जायेगा। सब्जी की फसल नष्ट होने पर 26 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की राशि दी जायेगी। साथ ही अल्पावधि ऋण को मध्यावधि ऋण में बदला जायेगा और उसके ब्याज की राशि सरकार चुकायेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को अगली फसल पर जीरो प्रतिशत ब्याज पर ही ऋण दिया जायेगा, उन्हें डिफाल्टर नहीं माना जायेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वे के दौरान क्रॉप कटिंग अनिवार्य रूप से की जाये, ताकि किसानों को फसल बीमा का भी लाभ मिल सके। श्री चौहान पूंछरी पहुँचने पर सबसे पहले ओला वृष्टि से नष्ट हुई फसल को देखने खेतों में पहुँचे। उन्होंने मुन्ना गौर और भज्जू जाटव के खेत में गेहूँ की नष्ट फसल को देखा और उन्हें ढाँढस बँधाया कि आपदा की इस घड़ी में सरकार उनके साथ है।