दबंगो से कब्ज़ा हटवाना चाहता था दिव्यांग
कमलनाथ सरकार के कुछ अफसर सरकार की किरकिरी करवाने से बाज नहीं आ रहे हैं छतरपुर में जनसुनवाई के दौरान समस्या सुनाने आये एक दिव्यांग किसान को कलेक्टर ने न्याय देने के बजाय पुलिस के हवाले करते हुए पागल खाने भेज दिया दिव्यांग का कसूर बस इतना था की वह अपनी जमीन दबंगो के कब्जे से हटाने की मांग कर रहा था पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार पर निशाना साधा और घटना की निंदा की
कमलनाथ सरकार मे सरकारी मशीनरी बेलगाम हो गई है ऐसा ही एक मामला चर्चा विषय बना हुआ है छतरपुर मे जनसुनवाई मे कलेक्टर मोहित बुंदास को अपनी समस्या सुनाने गये ,दिव्यांग किसान शंकर पटेल की समस्या सुनने पर न्याय दिलाने की जगह उसको पुलिस के हवाले करते हुये , ग्वालियर मानसिक रोगी अस्पताल भेजने का फरमान कलेक्टर ने जारी कर दिया उसका कसूर बस इतना था की वह कलेक्टर से चाहता था कि वे उसकी जमीन पर से दबंगों का कब्जा हटवा दें कब्जे को हटाने का आदेश कई बार राजनगर तहसील के नायाब तहसीलदार ने दिया था लेकिन उसकी कोई सुनवाई नही हुई ,तो वह कलेक्टर की जनसुनवाई मे आवेदन लेकर पहुँच गया
आवेदन पढ़ने के बाद ही कलेक्टर ने समस्या हल करने की जगह किसान को गिरफ्तार कर उसे ग्वालियर मानसिक चिकित्सक के पास भेज दिया कलेक्टर के फरमान जारी होते ,सरकारी मशीनरी एक्शन मे आ गई और उसके परिवार को बिना बताये ,उसे जबरदस्ती पुलिस की गाडी बैठाकर ग्वालियर रवाना कर दिया दिव्यांग का परिवार कलेक्टर के इस आदेश के खिलाफ शंकर से बात करने गुहार लगाता रहा ,लेकिन पुलिस ने एक न सुनी और उसे ग्वालियर भेज दिया जिला अस्पताल मे तैनात सिविल सर्जन यह दावा करते रहे ,कि दिव्यांग किसान शंकर का मानसिक संतुलन ठीक है लेकिन फरमान था तो सिविल सर्जन भी क्या कर सकते थे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ने घटना की निंदा करते हुए कहा की जैसा प्रदेश का राजा होगा वैसे अधिकारी है