2 हितग्राहियों 6 अफसर 2 कर्मियों के खिलाफ FIR
हितग्राहियों में बस्तर के कांग्रेसी नेता की पत्नी भी शामिल
रेलवे स्टेशन निर्माण के लिए भू अधिग्रहण में बड़ा घोटाला सामने आया है | अफसर, कर्मियों और हितग्राहियों की सांठगांठ से इस पूरी जालसाजी में सरकार को 150 करोड़ से अधिक का चूना लगाया गया है | इस घोटाले में 2 हितग्राहियों समेत 6 अफसर और 2 कर्मियों के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज की गई | जालसाजी में पूर्व IAS समेत बस्तर के कांग्रेसी नेता की पत्नी भी शामिल हैं | जो खुद जिला पंचायत सदस्य हैं| जिला प्रशासन ने इस मामले की जाँच के बाद 2 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है | और 8 लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है | पुलिस अब इन सभी की गिरफ़्तारी करने की तैयारी कर रही है |
बस्तर की जगदलपुर-रावघाट रेललाइन के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान | फर्जीवाड़ा कर कुछ लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने वाले 6 अफसरों सहित 2 कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है | साथ ही 95 करोड़ का मुआवजा लेने वाले बली नागवंशी और कांग्रेसी नेता T V RAVI की पत्नी नीलिमा TV RAVI को भी मुख्य आरोपी बनाया गया है | TV RAVI बस्तर में विधानसभा चुनाव के दौरान जगदलपुर सीट से कांग्रेस के प्रबल दावेदार थे | नीलिमा टी व्ही रवि भी कांग्रेस की नेता हैं | और जिला पंचायत सदस्य भी हैं |
कलेक्टर की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर पुलिस ने सोमवार को सुबह तड़के 3 बजे 10 लोगों पर अपराध दर्ज किया है | बस्तर में पहली बार किसी IAS पर FIR दर्ज की गई है | सीएसपी हेमसागर सिदार ने बताया की रिपोर्ट के आधार पर | विशिष्ट लोगो को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए | मिलीभगत कर सरकारी धन को हानि पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया है | इन पर आपराधिक षड़यंत्र, धोखाधड़ी, कूट रचना के आरोप में विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया है | जल्द आरोपियों की गिरफ़्तारी की जाएगी।
जगदलपुर और बस्तर के ब्लॉक के कुल 530 खातेदारों की 140.233 हेक्टेयर भूमि के लिए 179.82 करोड़ का मुआवजा बांटा गया | जगदलपुर ब्लॉक के 28.102 हेक्टेयर के लिए 152.58 करोड़ का मुआवजा दिया | जो कुल मुआवजे का 85% है | जबकि बस्तर ब्लॉक के 422 लोगों की जगदलपुर की तुलना में 4 गुना ज्यादा जमीन गई और मुआवजा 15% यानी 27.24 करोड़ मिला | जगदलपुर ब्लॉक के कंगोली, अघनपुर, घाटपदमूर और पल्ली के 108 खाताधारकों की जमीन रेललाइन और स्टेशन के लिए ली गई थी | नगर निगम क्षेत्र में शामिल कंगोली में सबसे ज्यादा 46.66 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है | इसकी एवज में मात्र 36.52 करोड़ का मुआवजा दिया गया है | जबकि पल्ली में सिर्फ 7 खातेदारों की 4.184 हेक्टेयर भूमि लेकर 99.07 करोड़ का मुआवजा दिया गया है | इसमें भी सिर्फ दो लोगों को ही 95.82 करोड़ रुपए बाँट दिए गए हैं | अन्य 5 लोगों को 3.25 करोड़ रुपए और शेष 3 गांव के 101 लोगों को 53.51 करोड़ रुपए का मुआवजा मिला है | मामले की शिकायत के बाद कलेक्टर डॉ. अय्याज तंबोली ने एसडीएम, एसएलआर और दरभा के तहसीलदार की तीन सदस्यीय समिति से जांच करवाई थी | जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट कमिश्नर सहित सामान्य प्रशासन और पुलिस को भेजी गई | इस मामले में तत्कालीन अपर कलेक्टर हीरालाल नायक, तत्कालीन एसडीएम सियाराम कुर्रे, तत्कालीन तहसीलदार व ट्रेनी डिप्टी कलेक्टर रहे दीनदयाल मंडावी, तत्कालीन राजस्व निरीक्षण अर्जुन श्रीवास्तव, तत्कालीन प्रभारी उप पंजीयक(पंजीयन लिपिक) कौशल ठाकुर और पटवारी धर्मनारायण साहू और सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी के अतिरिक्त महाप्रबंधक सुरेश बी मताली और एवीआर मूर्ति शामिल हैं | इस घोटाले में गावं की जमीन को शहरी बताया गया हैं | चित्रकोट मुख्य सड़क के एक ओर पल्ली की जमीन को शहरी बताकर मुआवजे की गणना की गई। जबकि सड़क के दूसरी ओर घाट पदमूर के इलाके को ग्रामीण माना गया | ग्रामीण इलाके की जमीन को शहरी और निगम इलाके का बताकर मुआवजे की गणना की गई और इसमें सिर्फ दो भूमि स्वामियों को ही लाभ पहुंचाया गया।