लाड़ली लक्ष्मी में पिछड़ने वाले जिलों को चेतावनी
लाड़ली लक्ष्मी में पिछड़ने वाले जिलों को चेतावनी
लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के बाद प्रमाण-पत्र जारी करने में पिछड़ने वाले जिलों के अधिकारियों को महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह ने चेतावनी देते हुए 15 जुलाई तक निर्धारित लक्ष्य पूरा करने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि प्रमाण-पत्र जनरेट और ऑनलाइन करने में अगर स्टाफ की कमी है तो आउटसोर्सिंग से यह कार्य करें, लेकिन समय-सीमा में यह कार्य किया जाए। श्रीमती सिंह लाड़ली लक्ष्मी सहित विभाग की अन्य योजनाओं की वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए समीक्षा कर रही थी कल्पना श्रीवास्तव भी कांफ्रेंस में उपस्थित थी।उल्लेखनीय है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के बाद अभी तक पूरे प्रदेश में पिछले एक माह में एक लाख 27 हजार से अधिक प्रमाण-पत्र बनाये जा चुके हैं। इनका वितरण विभिन्न अवसर पर किया जा रहा है।मंत्री सिंह ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना को सरल बनाने और हितग्राहियों को परेशानी से बचाने के लिए राज्य सरकार ने योजना को नया स्वरूप दिया है। ई-लाड़ली लक्ष्मी के जरिए अब हितग्राहियों को प्रमाण-पत्र दिए जाएँगे। जिससे हर साल एन.एस.सी. का नवीनीकरण करवाने से हितग्राही मुक्त होंगे। मंत्री ने कहा कि यह योजना मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इसमें कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बड़वानी, भिण्ड, देवास, दमोह, ग्वालियर, हरदा, शिवपुरी, रीवा, श्योपुर, सीधी, उज्जैन, अशोकनगर और अलीराजपुर में संतोषजनक कार्य न होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई आखिरी तारीख है। इसके बाद परिणाम न देने वाले जिलों के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। बैतूल, अनूपपुर, जबलपुर, सागर और सिवनी में बेहतर काम होने पर वहाँ के अधिकारियों को उन्होंने बधाई दी।मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि जिन हितग्राहियों को प्रमाण-पत्र दिये जाये उसकी राशि भी तत्काल और प्रतिवर्ष लाड़ली-लक्ष्मी निधि में जमा हो। इस कार्य में कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लाड़ली-लक्ष्मी योजना को लोकसेवा गारंटी में शामिल किया गया है। इसमें विलंब होने से संबंधित के खिलाफ कार्यवाही होगी।मंत्री सिंह ने लाड़ो अभियान और शौर्या दल संबंधी सभी जानकारियों की प्रविष्टि 15 जुलाई तक पूरी करने के साथ भीख माँगने वाले बच्चों के पुनर्वास की अनमोल योजना, स्वागतम् लक्ष्मी, जबालि योजना की भी समीक्षा की।