एमपी में सब कुछ होगा ऑनलाइन
डिजिटल इंडिया की राज्य स्तरीय समिति की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में देश में अग्रणी राज्य बनेगा। इसमें विभिन्न सेवाओं के प्रदाय की प्रक्रिया को सरल बनाकर उन्हें ऑनलाईन किया जायेगा। इससे ये सेवाएँ नागरिकों को त्वरित और सरलता से मिल सकेगी। उन्होंने यह कार्रवाई 31 दिसम्बर तक पूरा करने के लिये सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को मंत्रालय में डिजिटल इंडिया की राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में समीक्षा कर रहे थे। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव, तकनीकी और उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव श्री अजयनाथ, श्री एस.आर. मोहंती, श्री बी.पी. सिंह एवं श्रीमती अजीता बाजपेयी पाण्डे तथा विभिन्न विभाग के प्रमुख सचिव उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्पष्ट कहा कि नागरिकों को अच्छा शासन देने के लिये सूचना तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जायेगा। उन्होंने सभी विभागों को इन सेवाओं के प्रदाय की प्रक्रिया को सरल बनाने, प्रपत्र और आवेदन-पत्र आदि को ऑनलाईन करने की कार्रवाई 31 दिसम्बर तक पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि सेवाएँ और सुविधाएँ प्राप्त करने के लिये जनता को कार्यालय नहीं आना पड़े।मुख्यमंत्री ने जनता को इंटरनेट उपयोग का रूचिकर प्रशिक्षण अभियान के रूप में देने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में इंटरनेट और ब्राडबेण्ड की सुविधा जल्दी मुहैया करवायी जायेगी। साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं इमरजेंसी सेवा की समय पर जनता को उपलब्धता के उदेश्य से सूचना तकनीक का उपयोग बढ़ाया जायेगा।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि ज्यादा से ज्यादा दस्तावेज और जानकारियाँ ऑनलाईन की जाये। साथ ही विभागीय डाटा पब्लिक डोमेन में रखे जायें। इससे आम आदमी को सुविधा होगी। उन्होंने आई.टी. शिक्षा कोबढ़ावा देने के लिये जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये।बताया गया कि प्रदेश की हरेक ग्राम पंचायत में इंटरनेट ब्राडबेण्ड सुविधा उपलब्ध करवायी जायेगी। साथ ही सभी ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक कियोस्क खोले जायेंगे। सभी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवायी जायेगी। दो हजार विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा की व्यवस्था इसी साल होगी। आगामी एक वर्ष में 5 लाख महिलाओं को इंटरनेट उपयोग का प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रदेश के सभी जिलों में ई-खसरा देने और शिक्षकों की ई-उपस्थिति, सभी पुलिस थानों को ऑनलाईन किया जायेगा। ई-कोर्ट, ई-अभियोजन, ई-पुलिसिंग, ई-जेल तथा सभी राजस्व न्यायालय का आटोमेशन किया जायेगा। साथ ही मंत्रालय में फाइलों का मूवमेंट और वे किस स्तर पर लंबित है, की भी जानकारी ऑनलाईन होगी। प्रदेश में डिजिटल जाति प्रमाण पत्र बनाने, ई-बस्ता, ई-रजिस्ट्री आदि सुविधाएँ शुरू की जा चुकी हैं। प्रदेश की डेढ़ लाख महिलाओं को इंटनरेट उपयोग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।बैठक में सचिव मुख्यमंत्री एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी श्री हरिरंजन राव द्वारा डिजिटल इंडिया संबंधी प्रदेश की कार्य-योजना पर प्रेजेन्टेशन दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार की गई ई-गवर्नेंस मानक तथा आई.टी. और ई-गवर्नेंस संबंधी परिपत्र के हिन्दी संकलन संबंधी दो पुस्तकों का विमोचन किया गया।