आदिवासी अंचल में 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र हरा-भरा होगा
नर्मदा नियंत्रण मंडल की बैठकमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लघु सिंचाई परियोजनाओं की सम्भावनाओं का अधिकतम उपयोग किया जायें। उन्होंने कहा कि एक वर्ष की अवधि में पूरी हो जाने वाली सिंचाई की नई परियोजनाओं को चिन्हित करें। उनके निर्माण की वर्षवार कार्य-योजना बनाई जाये। श्री चौहान आज यहाँ नर्मदा नियंत्रण मंडल की बैठक के बाद जल संसाधन विभाग की समीक्षा कर रहे थे।बैठक में जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया, राजस्व मंत्री रामपाल सिंह, राज्य मंत्री नर्मदा घाटी विकास लालसिंह आर्य और मुख्य सचिव अंटोनी डिसा मौजूद थे।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि योजनाओं को समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाये। परियोजनाओं के साथ किसानों को जोड़ने के लिए परियोजना से संबंधित विभिन्न अवसर पर बड़े कार्यक्रम किये जाये। इससे अन्य किसान भी सिंचाई परियोजनाओं से जुड़ने और लाभान्वित होने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि विकासोन्मुखी जन-प्रतिनिधियों की भावनाओं को विकास कार्यों में शामिल करने से विकासोन्मुखी वातावरण बनता होता है।बताया गया कि विभाग द्वारा हर साल एक लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता में वृद्धि के लक्ष्य की तुलना में विगत दो वर्ष में 2 लाख 75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का विस्तार किया गया है। वर्ष 2014-15 तक कुल 252 लघु परियोजनाएँ पूर्ण हो गयी हैं। शेष 244 निर्माणाधीन है। विभाग में 500 लघु, 25 मध्यम सहित केन-बेतवा लिंक परियोजनाएँ प्रस्तावित है। इन योजनाओं के पूरा होने पर रबी फसलों के लिए साढ़े 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई हो सकेगी। प्रदेश में सिंचाई क्षमता वर्ष 2019 तक करीब 35 लाख और वर्ष 2025 तक 42 लाख हेक्टेयर करने के लक्ष्य की भी जानकारी दी गई।नर्मदा नियंत्रण मंडल की बैठक में आदिवासी बहुल क्षेत्र अलीराजपुर की दो परियोजना को स्वीकृति दी गई। इनके जरिये अलीराजपुर के 66 ग्राम का लगभग 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र हरा-भरा हो जायेगा। पेयजल की समस्या का भी हल हो जायेगी। बैठक में अलीराजपुर तहसील के 22 ग्राम में कुल 10,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 156 करोड़ 58 लाख रूपये की जोबट विस्तार माइक्रो इरिगेशन परियोजना को स्वीकृति दी गई। साथ ही 582 करोड़ 80 लाख रूपये की अलीराजपुर उद्वहन सिंचाई परियोजना को भी स्वीकृत किया गया। इस परियोजना में सरदार सरोवर बाँध के हथिनी नदी में बेंक वाटर से जल उद्वहन कर 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई की जाएगी। योजना से 44 ग्राम के आदिवासी किसान लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही सिंहस्थ के अंतर्गत ओंकारेश्वर में नर्मदा-कावेरी लिंक निर्माण कार्य के लिए 54 लाख रूपये और ओंकारेश्वर में ही नर्मदा नदी के तट पर 9 करोड़ 38 लाख के खर्च से चार घाट के निर्माण की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।