मृदंग का नन्हा उस्ताद अनमोल
NANHE KALAKARI

12 साल का मृदंग और तबला वादक 

 

 

कला उम्र और सुविधाओं की मोहताज नही होती   |   कला  का धनी एक ऐसे ही नन्हा और होनहार  कलाकार है अनमोल दिवेदी | अनमोल की छोटी -छोटी  उँगलियाँ  और हाथ जब मृदंग और तबले पर चलते  हैं  तो देखने वालों के मुँह से अपने आप निकल जाता है वह  उस्ताद वाह  | तरपुर  से 120 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव पलटा के अनमोल दिवेदी को आप छोटा उस्ताद कह सकते हैं   | अनमोल के पुरखे  दतिया राजघराने के मृदंग वादक थे और समूचे बुंदेलखंड में उनकी कला को  लोहा माना जाता था ,अनमोल के दादा अवधेश कुमार द्विवेदी भी अपने पिता की तरह एक अव्वल कलाकार  हैं और उन्होंने मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई बड़े मंचो पर अपनी प्रस्तुतियां दी और उन्हें सम्मानित भी किया गया   |  यानी बचपन से ही अनमोल को संगीत विरासत में मिला और अनमोल ने छोटी सी उम्र में तबला और मृदंग बजाना सीखा और आज जब तबले और मृदंग पर अनमोल के छोटे छोटे हांथ चलते हैं तो सुनने और देखने वाले  कह उठते हैं वह उस्ताद वह  |इतना ही नही अनमोल मृदंग के साथ तमाम शास्त्रीय संगीत का गायन भी बखूबी करते है  | अनमोल को हरफनमौला कलाकार कहा जा सकता है |