इनामी नक्सली दंपती ने किया समर्पण
 NAKSALI

एक भाई पुलिसवाला तो दूसरा नक्सली 

 

बस्तर की यह कहानी भी थोड़ी सी फ़िल्मी है  | एक भाई पुलिस में है तो दूसरा भाई नक्सलवादी |  पुलिस वाला भाई  नक्सली भाई को समझाता है चिठ्ठी भेजता है  | भाई के समझाने से नक्सली भाई आत्मसमर्पण  कर देता है  | आत्मसमर्पण करने वाले इस नक्सली पर पांच लाख का इनाम था  |  

किसी फिल्मी कहानी की तरहा एक भाई था नक्सली तो दूसरा भाई था पुलिस वाला | भाई को सरकारी वर्दी मे देख कर नक्सली भाई  प्रभावित तो होता है लेकिन नक्सलवादियों का साथ नहीं छोड़ता  |  पुलिसवाला भाई जब बार बार समझाता है  | सरकार की पुनर्वास नीति के बारे में बताता है तब  | नक्सली भाई अपनी पत्नी के साथ बस्तर पुलिस के सामने  सरेंडर कर देता है  | इन नक्सली पति पत्नी पर  पांच-पांच लाख का इनाम भी घोषित था  |  ये नक्सली छत्तीसगढ़ और ओडिशा में लंबे समय से सक्रिय रहकर कई बड़ी  वारदातों को अंजाम दे चुके हैं.|  सरेंडर नक्सली सोमारू नक्सलियों के दलम में एलओएस कमांडर था जबकि उसकी पत्नी मंजु एसओएस की सदस्य   |  

बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि सरेंडर नक्सली सोमारू 7 साल की उम्र से नक्सलियों के संगठन से जुड़ा हुआ था |   2006 से 2014 तक बस्तर में सक्रिय रहने के दौरान नक्सली लीडर राजमन का वह गनमैन रहा  |  इसके बाद उसे एरिया कमांडर और फिर एलओएस कमांडर बनाया गया |  कई बड़ी वारदातों में  शामिल रहा है | आत्मसमर्पित नक्सली सोमारू ने बताया कि उनका भाई बीजापुर जिले के बांगापाल थाने में आरक्षक के पद पर पदस्थ है और 2017 से लेटर के माध्यम से बार-बार सरेंडर करने को कहता रहा  |   इसके बाद दोनों ही नक्सलियों ने आईजी के समक्ष सरेंडर कर दिया  सोमारू की पत्नी मंजु ने बताया कि ओडिशा में नक्सल संगठन पहले के मुकाबले काफी कमजोर हो चुका है, लेकिन छत्तीसगढ़ में संगठन के लोग अभी भी सक्रिय है  |